MP News in Hindi : इंदौर शहर में अब भीख मांगने या देने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है. जिला प्रशासन ने यह कदम शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने के लिए उठाया है. अब अगर कोई व्यक्ति भिक्षा मांगता या देता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में इंदौर में भिक्षावृत्ति से जुड़े कई हैरान कर देने वाले मामले सामने आए हैं. जैसे कि शहर में एक भिखारी के पास लाखों रुपये मिले. ऐसी ही एक भिक्षा मांगने वाली महिला के पास 75 हजार रुपये मिले जो उसने सिर्फ 15 दिनों में कमाए थे. भिखारियों के पास से रेलवे के टिकट और रिजर्वेशन फॉर्म भिखारियों के पास मिले. एक भिखारी के पर्स में से 45,000 रुपये मिले. छानबीन में एक अन्य भिखारी से 19,000 रुपये की राशि बरामद हुई.
क्या कहता है नया आदेश?
कलेक्टर आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया है. इसके अनुसार भिक्षा मांगना और देना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. भिखारियों को पैसे या सामान देना, या उनसे कोई चीज खरीदना भी कानून का उल्लंघन माना जाएगा. इस आदेश का उल्लंघन करने पर दोषियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई होगी.
क्या करने पर मिलेगा इनाम ?
अगर आप किसी को भिक्षा मांगते हुए देखते हैं, तो आप इसकी सूचना प्रशासन को दे सकते हैं. सूचना देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी दिनेश मिश्रा को 9691494951 पर फोन करें. सही सूचना देने पर आपको 1,000 रुपये इनाम दिया जाएगा.
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इंदौर में भीख देने पर रोक
प्रशासन का मानना है कि यह फैसला शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने और इसे एक बेहतर जगह बनाने में मदद करेगा. भिक्षावृत्ति पर रोक से शहर के चौराहों, सिग्नलों और सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों की संख्या में कमी आई है.