मध्य प्रदेश के बालाघाट के सिविल अस्पताल का निरीक्षण करने पर खुद CMO भी हैरान रह गए. जिले के वारासिवनी के सिविल अस्पताल में शुक्रवार को मुख्यचिकित्सा अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे. चिकित्सालय के तमाम डॉक्टर और लैब कर्मचारी गायब देखकर चिकित्सा अधिकारी भी सकते में गए. अस्पताल के सभी 8 डॉक्टर समेत कोई भी लैब कर्मचारी मौजूद नहीं था. जिसके बाद CMO ने एक्शन लेते हुए सभी को कारण बताओ नोटिस जारी के आदेश दिए हैं.
अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर मिली शिकायत
बीते काफी समय से वारासिवनी के इस सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर शिकायत देखने को मिल थी. डॉक्टरों की मनमर्जी, डॉक्टरों के समय पर ड्यूटी न करना... इस तरह की तमाम चीजों से मरीज व उनके परिजन काफी परेशान हैं. डॉक्टरों के से रूखे व्यवहार की लगातार शिकायतें मिलने के बाद मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे हरकत में आए. इसी कड़ी में वह अचानक सुबह सुबह अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे.
डॉक्टर नहीं करते समय पर इलाज
अस्पताल में उन्हें नर्सों समेत पूरा स्टाफ कार्यरत मिला लेकिन डॉक्टर्स और लैब कर्मचारी नदारत थे. जब उन्होंने इसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि OPD खुलने का समय सुबह 9 बजे का हैं लेकिन डॉक्टर कभी भी OPD में समय पर नही पहुंचते हैं. ऐसे में इलाज कराने अस्पताल पहुंचे मरीजों को बेवजह घंटों तक डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है. ऐसी स्थिति मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनती है.
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CMO ने डॉक्टरों से तलब किया जवाब
डॉ मनोज पांडे ने बताया कि उन्हें लगातार वारासिवनी अस्पताल की शिकायतें प्राप्त हो रही थी. इसी कड़ी में आज जब वे सुबह निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें डॉक्टर समेत लैब कर्मचारी गायब मिले. ओपीडी खुलने के एक घंटे बाद भी न कोई डॉक्टर ड्यूटी पर आया न ही कोई लैब कर्मचारी. जिसके बाद अस्पताल से गायब तमाम डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.
गैर-हाजिर डॉक्टरों पर की जाएगी कार्रवाई
मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सभी का एक दिन का वेतन काटा जाएगा. वहीं सभी अनुपस्थित डॉक्टरों की खबर मुख्यालय भोपाल तक भेजी जाएगी. इसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. डॉ मनोज पांडे ने कहा कि डॉक्टरों की इस तरह से बरती गई लापरवाही गंभीर किस्म की अनुशासनहीनता हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता हैं.
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