
सतना : 'चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध नरेस। जा पर बिपदा परत है, सो आवत यह देश'... और न जाने कितनी चौपाइयों में इस पवित्र धार्मिक स्थल की महिमा का जिक्र है. लेकिन इन दिनों यह तीर्थ क्षेत्र बाबाओं के बीच विवाद का केंद्र बनता जा रहा है. तमाम ऐसे बाबा और महंत हैं जो चित्रकूट की छवि को बिगाड़ने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. आलम यह है कि जमीनों पर कब्जे के लिए कोई नियमों की तिलांजलि देने पर तुला है तो कोई आश्रम, मंदिर और मूल्यवान जमीनों पर कब्जा जमाने की भरपूर कोशिश कर रहा है.
पिछले दिनों चित्रकूट के सिरषा वन की जमीन पर बने एक आश्रम में मालिकाना हक को लेकर संतों के दो गुट आपस में भिड़ गए. इस दौरान विरक्त संत मंडल के सनकादिक महाराज और उनके समर्थकों ने आश्रम के संत रामदास बाबा (कैलाश) के साथ मारपीट की. इसके अलावा साध्वी इंद्रमणि और उनकी बेटी से भी कुछ लोगों ने जानकीकुंड के आश्रम को लेकर मारपीट की. यही नहीं राम मोहल्ला कामतानाथ प्रमुख द्वार के पास अवैध रूप से बाउंड्री बनाकर जमीन कब्जाने के आरोप भी लगने लगे.
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संतों के बीच हो रही गुटबाजी
बताया जाता है कि जब से विरक्त संत मंडल का गठन अखाड़ा परिषद से बहिष्कृत किए गए तथाकथित संत सनकादिक त्यागी महराज ने किया है, तब से चित्रकूट में संतों के बीच भी गुटबाजी देखने को मिल रही है.
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जमीनों के लिए बढ़ गई हैं लड़ाइयां
भगवान श्रीराम की तपोभूमि में जमीनों के दाम वैसे भी आसमान पर हैं. वहीं प्रदेश सरकार ने उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर चित्रकूट में श्रीरामलोक निर्माण कराए जाने की घोषणा की है. तब से यहां के संतों में होड़ मची है कि वह अधिक से अधिक जमीनों पर कब्जा करें. विरक्त संत मंडल के एक पदाधिकारी कथित साधु पर जमीन कब्जाने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं और अब उनके खिलाफ तमाम साधु संतों ने मोर्चा खोल रखा है. विगत दिनों हुए विवाद के बाद पुलिस ने साधारण धाराओं में केस दर्ज किया, लेकिन अभी तक मामले में किसी प्रकार की जांच नहीं की गई.