Ujjain Mahakal Sawari: बाबा महाकाल की अगहन मास की पहली सवारी सोमवार को निकली. इसमें बाबा महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जाना. बाबा की सवारी के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने जयकारा लगाया. बाबा महाकाल की कार्तिक माह की दो सवारी निकलने के बाद कार्तिक- मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी सोमवार महाकाल मंदिर से निकली.
प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले बाबा महाकाल
दरअसल, सावन-भादो की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी बाबा महाकाल की सवारी निकलने की परंपरा चली आ रही है. वहीं सोमवार को पहली सवारी को सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद राजसी ठाट-बाट के साथ निकाला गया. बाबा महाकाल भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर मंदिर परिसर से निकले.
चांदी की पालकी में सवार होकर भ्रमण किए बाबा चन्द्रमोलेश्वर
बता दें कि सबसे पहले मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में बाबा महाकालेश्वर के श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया. चंद्रमौलेश्वर की पं. घनश्याम शर्मा ने पूजा की. इसके बाद चांदी की पालकी में विराजित हुए और फिर बाबा चन्द्रमोलेश्वर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले.
कडाबीन से देते रहे संदेश
वहीं मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस जवानों ने राजाधिराज को सलामी दी. जिसके बाद सवारी नगर भ्रमण पर निकले. सवारी में आगे कडाबीन, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल नगर वासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चले. पूजा के दौरान कलेक्टर नीरज सिंह, एसपी प्रदीप मिश्रा, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़, सहा.प्रशासक मूलचंद जूनवाल और पुजारी-पुरोहित शामिल हुए.
परंपरागत मार्ग से निकले बाबा चंद्रमौलेश्वर
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि सवारी परंपरागत मार्ग गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहार वाडी होते हुए रामघाट पहुंची. यहां क्षिप्रा के जल से बाबा का अभिषेक किया गया. सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.
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