Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश केअशोक नगर जिले में लचर व्यवस्था के कारण जिंदगी और मौत से जूझ रही महिला को एम्बुलेंस का घंटों इंतज़ार करना पड़ गया. आख़िरकार परिजन उसे चंदा इकट्ठा कर प्राइवेट गाड़ी से जिला अस्पताल लेकर गए. इसके बाद महिला का इलाज शुरु हो सका.
प्राइवेट गाड़ी में ले गए अस्पताल
मरीजों को तत्काल एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक भेजा जा सके इसके लिए सरकार ने भले ही 108 एम्बुलेंस व जननी एक्सप्रेस चलाई है. लेकिन अशोकनगर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर पर एक खानाबदोश महिला जिंदगी और मौत से पांच घंटे तक जूझती रही, लेकिन अस्पताल तक ले जाने के लिए उसे एम्बुलेंस नहीं मिली.
निवाड़ी के पृथ्वीपुर का रहने वाला इरफान खानाबदोश परिवार गांव-गांव अंगूठी और नग बेचने का काम करता है. इस समय उनका डेरा अशोकनगर जिले के बंगला चौराहा पर था. इरफान ने बताया कि उसकी पत्नी सन्नो को अचानक पेट में दर्द हुआ तो वह उसको लेकर सुबह 11 बजे बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा. जहां मौजूद नर्स ने इसे गर्भपात बताते हुए महिला का प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी.
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मदद के लिए ग्रामीण आए आगे
इस पर ग्रामीणों ने तीन हजार रुपए इकट्ठे कर पीड़ित महिला के पति को दिए. तब कहीं जाकर महिला को शाम पांच बजे जिला अस्पताल भेजा जा सका. फिलहाल लोगों की मदद से इस महिला को जिला अस्पताल तो भेज दिया गया लेकिन इस तरह घण्टों इंतजार के बाबजूद एम्बुलेंस नहीं मिलने पर लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है.
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