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AI in School Education: एमपी के 53 स्कूलों में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स पाठ्यक्रम, माइक्रोसॉफ्ट के साथ MoU

AI Education in MP: नई शिक्षा नीति वर्ष 2020 में स्पष्ट कहा गया है कि व्यवसायिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिये यह आवश्यक होगा कि शिक्षा संस्थान नवाचार के माध्यम से ऐसे मॉडल और प्रणालियों की खोज करें जिसके द्वारा विद्यार्थियों को व्यवसाय परक बनाया जा सके.

AI in School Education: एमपी के 53 स्कूलों में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स पाठ्यक्रम, माइक्रोसॉफ्ट के साथ MoU
AI Curriculum in MP School: माइक्रोसॉफ्ट के साथ हुआ एमओयू

National Education Policy 2020, AI Education: मध्य प्रदेश में सरकारी एजुकेशन फॉर ऑल (EFA) स्कूलों में बच्चों को आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्सी (AI) आधारित शिक्षा देने के लिये मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और माइक्रोसॉफ्ट ने एमओयू किया है. इस समय एमपी में 53 स्कूलों का चयन किया गया है. इन चयनित शासकीय एजुकेशन फॉर ऑल स्कूलों पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्सी का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है. यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को नई तकनीक सिखाने में मदद कर रहा है. इस पाठ्यक्रम से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे है. विद्यार्थियों को भविष्य में रोजगार के अवसर आसानी से प्राप्त हो सकेंगे.

NEP में AI पर जोर

मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहा है. यह पाठ्यक्रम एक विषय के रूप में कक्षा 8वीं से 12वीं तक प्रारंभ किया गया है. इसकी कुल अवधि 240 घंटे की है. पिछले वर्ष कक्षा 9वीं में 1013, कक्षा 10वीं में 694 और कक्षा 11वीं में 266 विद्यार्थियों को एआई तकनीक की शिक्षा दी गई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्ष 2020 में विद्यालयों में एआई तकनीक का विद्यार्थियों के बीच में बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया गया है.

आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्सी पाठ्यक्रम में पायथन लैंग्वेज भी शामिल है जिससे विद्यार्थियों को प्रोग्रामिंग का भी प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था है. पायथन लैंग्वेज एक लोकप्रिय और बहुमुखी प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि वेब डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट. यह एक हाई-लेवल, व्याख्यात्मक भाषा है, जिसका मतलब है कि इसे कंपाइल करने की आवश्यकता नहीं है और इसे सीधे इंटरप्रेटर द्वारा पूरा किया जा सकता है.

मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित ईएफए विद्यालयों में समय-समय पर विभिन्न सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है.

व्यवसायिक शिक्षा के प्रसार पर जोर

नई शिक्षा नीति वर्ष 2020 में स्पष्ट कहा गया है कि व्यवसायिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिये यह आवश्यक होगा कि शिक्षा संस्थान नवाचार के माध्यम से ऐसे मॉडल और प्रणालियों की खोज करें जिसके द्वारा विद्यार्थियों को व्यवसाय परक बनाया जा सके. कौशल विकास एंव उद्यमिता की राष्ट्रीय नीति के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 54 प्रतिशत से अधिक 25 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या और 62 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 15 से 59 वर्ष आयु की है. जनसंख्या के अनुपात के मान से भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी कौशल पूंजीयुक्त देश बनने का अवसर है.

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