
Nursing College Admission: सीधी (Sidhi) जिले में नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कोई अवसर नहीं दिख रहा है. सीधी जिला मुख्यालय में 20 करोड़ की लागत से शासकीय नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) भवन बनाया गया है, किंतु वह खाली पड़ा हुआ है. यहां किसी भी छात्राओं को प्रवेश के लिए प्रक्रिया प्रारंभ नहीं होगी, क्योंकि इसे अनसूटेबल कॉलेज की श्रेणी में रखा गया है. वहीं निजी नर्सिंग कॉलेज भी पूर्व में संचालित रहे हैं किंतु इस वर्ष अब उन्हें भी अनसूटेबल बात कर मान्यता नहीं दी गई है. ऐसे में सीधी जिले में अब एक भी नर्सिंग कॉलेज नहीं है, जिसमें छात्र-छात्राओं को नर्सिंग संबंधी पढ़ाई के अवसर मिल पाएंगे.
दूसरे जिलों में जाना पड़ेगा
नर्सिंग की पढ़ाई के लिए एंट्रेंस एग्जाम के बाद एडमिशन होते हैं, जिसमें शासकीय कॉलेज एवं निजी नर्सिंग कॉलेज में सीट के आधार पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश होता है. सीधी में भी अभी तक छात्र-छात्राओं को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश मिलता रहा है, किंतु इस सत्र में अब सीधी में किसी भी नर्सिंग कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई नहीं हो पाएगी. कारण यह है कि जांच पड़ताल करने आई सीबीआई की टीम के द्वारा सभी कॉलेजों को अनसूटेबल बताया गया है. ऐसे में अब यहां सिर्फ भवन शो पीस बनकर रह गए हैं. शासन के द्वारा करोड़ों रुपए किए गए खर्च मतलब नहीं निकल रहा है.
प्राचार्य ने कहा सभी सुविधा उपलब्ध
शासकीय नर्सिंग कॉलेज सीधी में पदस्थ प्राचार्य रजनीश पटेल ने कहा कि शासन के द्वारा जारी गाइडलाइन के आधार पर सीधी का नर्सिंग कॉलेज भवन पूरी तरीके से उपयुक्त है. पूर्व में निरीक्षण के दौरान कुछ कमियां थीं, जिन्हें पूरा कर लिया गया है. शासन स्तर पर कई बार पत्राचार किया गया. भोपाल जाकर भी पहल की गई है किंतु सीधी नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश के संबंध में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. कुल मिलाकर यह सत्र भी खाली चल जाएगा. सीधी नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल सकेगा.
बेहतर होगी चिकित्सा व्यवस्था : डॉ हरिओम
जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर हरिओम सिंह ने कहा कि सीधी जिला अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी है यदि सीधी में बने शासकीय नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं को दाखिला मिलता है और यहां नर्सिंग की पढ़ाई होती है तो निश्चित रूप से इसका सीधा लाभ जिला अस्पताल को होगा . यहां नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी रहती है जिसके चलते चिकित्सा व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है. सीधी में पहले भी नर्सिंग की क्लास चलती थी और अब एडमिशन नहीं मिल पा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है जिला अस्पताल में उपचार सुविधा के साथ शैक्षणिक संस्थान भी है. नर्सिंग स्टाफ यहां सीखता भी है, ऐसे में एडमिशन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जिससे की चिकित्सा व्यवस्था और दुरुस्त हो सके.
सीएमएचओ ने कहा कोशिश जारी है
सीएमएचओ डॉ बबिता खरे ने कहा कि शासकीय नर्सिंग कॉलेज भवन में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है फिर भी प्रवेश संबंधी स्थिति स्पष्ट नहीं है. शासन स्तर पर पहल जारी है कोशिश है कि सीधी नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं को एडमिशन मिले और जो नर्सिंग स्टाफ की कमी है उसकी पूर्ति हो सके.
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