New Residence Project For Ministers and MLAs in Bhopal: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने मंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों के लिए नए बंगले बनाने संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. सरकार ने यह फैसला पर्यावरण को बचाने (Save Environment) के उद्देश्य से लिया है. वहीं पर्यावरण एक्टिविस्ट (Environment Activist) के लिए यह बड़ी जीत मानी जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में वीवीआई के लिए नए बंगले बनाए जाने थे, जिसके कारण 27,000 से अधिक पेड़ों की कटाई हो सकती थी. सरकार ने पर्यावरण संरक्षण का हवाला देते हुए, यह निर्णय स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद लिया.
आवास बनाने का खाली सुझाव आया था : विजयवर्गीय
मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Urban Administration and Development Minister Kailash Vijayvargiya) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देते हुए कहा कि नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्र में मौजूद पेड़-पौधों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को विचार के बाद अस्वीकृत कर दिया गया है. इसके साथ ही अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं. नए प्रस्ताव के लिए शुरुआती स्तर पर नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श किया जाएगा.
नये भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को संपूर्ण विचारोपरांत अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिये गये है।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) June 17, 2024
नवीन प्रस्ताव हेतु प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों…
वहीं इस फैसले के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आवास बनाने के लिए खाली सुझाव दिया गया था, इस पर सरकार ने कोई विचार नहीं किया है. केवल सुझाव आने पर ही लोग आंदोलन करने लगे.
मंत्री आवास बनाने के लिए 29 हजार पेड़ों को काटने के मामले पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले यह मामला हवा में ही चला. #ndtvmpcg #madhyapradesh #mpnews #bhopal #kailashvijayvargiya pic.twitter.com/wOJyT2IkWv
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) June 17, 2024
प्रोजेक्ट का पिछले 10 दिन से हो रहा विरोध
बता दें कि भोपाल के सैकड़ों निवासियों ने 27,000 से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए हाथ मिलाया, जिनके बारे में उन्हें आशंका थी कि शहर में वीवीआईपी के बंगलों के लिए जगह बनाने की मेगा परियोजना के तहत उन्हें काट दिया जाएगा. पिछले 10 दिन से नागरिक, छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल द्वारा शिवाजी नगर और तुलसी नगर में पेड़ों को काटकर विधायकों और नौकरशाहों के लिए बंगले बनाने की योजना के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. यह इलाका शहर के हरित क्षेत्रों में से हैं.
इससे पहले कई महिलाओं और सत्तारूढ़ बीजेपी के एक विधायक सहित अन्य लोगों ने शुक्रवार को पेड़ों की पूजा की और उन्हें बचाने का संकल्प लिया. वहीं मध्य प्रदेश आवास और शहरी विकास के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने पहले स्पष्ट किया था कि पेड़ों को 'तुरंत' कुछ नहीं होगा. उन्होंने नागरिकों के विरोध के बीच कहा था, "यह गृह निर्माण मंडल द्वारा शहरी विकास मंत्री के समक्ष पेश की गई एक अवधारणा थी. अब तक, कोई मंजूरी नहीं मिली है. सरकार पेड़ों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है. अभी तक पेड़ों को काटने का कोई प्रस्ताव नहीं है."
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