
Jabalpur News: मध्य प्रदेश का जबलपुर मटर उत्पादन के लिए काफी जाना जाता है. इस बार मटर की बंपर पैदावार हुई है. इसके चलते किसान मटर लेकर मंडी पहुंचे थे. लेकिन मंडियों में उन्हें उचित दाम नहीं दिया जा रहा था. मटर के दाम अचानक नीचे गिरने के बाद से किसान नाराज थे. वहीं इसके बाद पिछले दो दिनों से लगातार मंडी में किसान हंगामा कर रहे थे. मंडी में मटर 4 से 5 रुपये किलो बिक रहे थे जबकि, किसानों की लागत 8 से 10 रुपये तक आ रही थी. वहीं हंगामे के बीच मंडी सचिव राजेश सेयाम और कृषि संगठनो के बीच हुई वार्तालाप के बाद मंडी सचिव राजेश सेयाम द्वारा 700 रुपए बोरा मटर का मुआवजा देने संबंधी पर्ची जारी की गई.
बताया जा रहा है कि, 700 रुपये बोरे मटर की पर्ची करीब 700 किसानों को दी गई, जिन्हें 30 हजार किलो से ज्यादा मटर के मुआवजे का वादा किया गया था. लेकिन जब एनडीटीवी ने पड़ताल की तो पाया गया कि, मटर की कीमत कम होने पर मुआवजा देने संबंधी कोई नियम नहीं है और न ही कोई फंड है. जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री सहायता कोष या मंडी बोर्ड के द्वारा इस तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया जा सकता है. जब एनडीटीवी ने मंडी सचिव राजेश सेयाम से चर्चा की तो उन्होंने बताया था कि उच्च अधिकारियों के द्वारा यह निर्णय लिया गया है जिसकी परिपालन में पर्ची जारी की गई.

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मंडी सचिव राजेश सेयाम को मिला कारण बताओं नोटिस
मंडी सचिव राजेश सेयाम को मिला कारण बताओं नोटिस एनडीटीवी की पड़ताल सही साबित हुई और खबर चलने के बाद जबलपुर से भोपाल तक हड़कंप मच गया. 9 दिसंबर को मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक / सह आयुक्त श्रीमन शुक्ला के द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र क्रमांक एमडी/पीए/2023/ 1300 जारी किया गया है. जिसमें मंडी सचिव राजेश सेयाम को कारण बताओं नोटिस दिया गया है. जिसका 7 दिनों के अंदर जवाब देने कहा गया है.
आपको बता दें, नोटिस में राजेश सेयाम से कई सवाल पूछे हैं. वहीं, पूछा गया है कि, 700 रुपये प्रति क्विंटल मटर की दर से प्रस्तावित मुआवजा राशि की रसीद मंडी समिति द्वारा किस आधिकारिकता से जारी की गई. नोटिस का जवाब 7 दिनों के अंदर मांगा गया है.
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