मध्य प्रदेश में आए दिन शासकीय काम में ठेकदारों से कमीशन खोरी के पत्र वायरल हो रहे हैं. ताजा मामला नर्मदापुरम जिले का हैं, जहां एक ठेकेदार ने काम के बदले राशि आवंटन में विभाग पर कमीशन मांगने के आरोप लगाएं हैं. इसके विरोध में ठेकेदार और मजदूरों ने विभाग के संभागीय परियोजना अधिकारी मयंक शुक्ला के खिलाफ पीआईयू लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री दफ्तर के सामने बैठकर धरना दिया. इस दौरान परियोजना अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
शासकीय कार्यों के बदले कमीशन खोरी के आरोप आए दिन प्रदेश में सुनने को मिल रहे हैं. इससे पहले भी राजधानी भोपाल में सीएम हाउस के सामने सरकारी काम के बदले कमीशन के आरोप लगाकर एक ठेकेदार अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ चुका है.
अधिकारी ने आरोपों को बताया निराधार
वहीं मामले में अधिकारी मयंक शुक्ला ने ठेकेदार द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि बिल्डिंग बनाने का ठेका ठेकेदार को 5 साल पहले दिया गया था. जिसे 4 साल में ठेकेदार को यह बनाकर देना था, लेकिन ठेकेदार तय समय अवधि पर इसे बनाकर नहीं दे पाया. बुधवार को जांच करने हमारी टीम पहुंची थी, जिन्हें ठेकेदार के मजदूरों ने बिल्डिंग के अंदर नहीं जाने दिया. उन्होंने बताया कि ठेकेदार के काम के अनुसार उसका भुगतान किया जा चुका है, जबकि तीन से चार लाख की राशि का भुगतान फाइनेंस से रोक लगी होने के कारण नहीं हो सका है.
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पीआईयू विभाग पर 5% कमीशन खोरी का लगा आरोप
पीआईयू विभाग के बाहर धरने पर बैठे ठेकेदार मनजीत सिंह ने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका एक करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है. ठेकेदार द्वारा शेष बची राशि का भुगतान किए जाने पर अधिकारी द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित और उनके साथ अभद्रता किया जा रहा है. वहीं ठेकेदार ने विभाग पर कमीशन खोरी और भुगतान नहीं करने का आरोप भी लगाया है. इसके साथ ही ठेकेदार ने विभाग के कर्मचारियों पर 5% कमीशन लेकर भुगतान करने का आरोप लगाया है.
क्या है पूरा मामला?
शिवा कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार मनजीत सिंह ने बनखेड़ी में शासकीय कॉलेज के भवन के लिए 5.30 करोड रुपए की लागत से बिल्डिंग बनाने का टेंडर लिया था. ठेकेदार के अनुसार बिल्डिंग का काम पूरा हो चुका है, केवल सामने सड़क का निर्माण बाकी है. ठेकेदार ने बताया कि पीआईयू के अधिकारी और बाबू ने उसे उपयोगिता प्रमाण पत्र देकर बिल्डिंग कॉलेज प्रबंधन को हैंडओवर कर दिया है. इस दौरान उसे चार करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, जबकि एक करोड़ अभी भी बाकी है.
परियोजना अधिकारी को सस्पेंड करने की हुई मांग
ठेकेदार ने बताया कि बकाया राशि का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. बकाया राशि नहीं मिलने से काम करने वाले 40 मजदूरों का भुगतान भी अभी बाकी है. ठेकेदार के अनुसार मजदूरों को करीब 6 लाख रुपए देना है. ठेकेदार ने बताया कि विभाग द्वारा उसे परेशान किया जा रहा है, जिसके चलते आज धरने पर बैठना पड़ा. उसने मांग की कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए. उसने आरोप लगाया कि छतरपुर में भी इनके द्वारा इसी प्रकार कार्य करने के चलते हटा दिया गया था.
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