Big Revelation On Employment In MP: मध्य प्रदेश सरकार की बेरोजगारी दूर करने वाली योजनाओं को लेकर SLBC यानी स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है. मध्य प्रदेश द्वारा संचालित विभिन्न रोजगार और स्वरोजगार लाभार्थियों की हकीकत बताने वाली ताजा रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की अधिकतर रोजगार योजनाओं का लाभ तय लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाया है.
संत रविदास स्वरोजगार योजना मेंं सिर्फ 1387 लोगों को मिला योजना का लाभ
इसी तरह दलितों के लिए शुरू की गई संत रविदास स्वरोजगार योजना से करीब 5 हज़ार युवाओं को जोड़ना था. ऐसा नहीं था कि आवेदन नहीं आए. आवेदन भी 5 हज़ार से अधिक आए, लेकिन 1387 लोगों को ही योजना का लाभ मिल सका. वहीं, प्रदेश के आदिवासियों के लिए संचालित भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना का भी यही हाल रहा.
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना से 10 हज़ार लोगों को जोड़ना था, लेकिन...
प्रदेश सरकार की भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजान के तहत कुल 1 हज़ार लोगों स्वरोजगार का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन केवल 900 लोगों को ही इसका लाभ मिला, जबकि टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 10 हज़ार लोगों को योजना से जोड़ना था, लेकिन लाभ 901 को ही मिल सका है.
अनुसूचित वर्ग को नहीं मिला भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना का साथ
भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के 18 वर्ष से 55 वर्ष की आयु वर्ग के अशिक्षित बेरोजगार युवक और युवतियों को स्वरोजगार के लिए 10 हजार से 1 लाख तक का ऋण बैकों के माध्यम से वितरित किए जाने की योजना है, योजना से 8000 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन 1320 ही लाभन्वित हो सके हैं.
मुुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक उद्यम योजना से 5000 लोगों को जोड़ना था, लेकिन...
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक उद्यम योजना के तहत 5000 लोगों को जोड़ा जाना था, लेकिन महज 630 लोग ही जुड़ सके हैं. कमोबेश यही हाल मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना का भी है. मुख्यमंत्री विमुक्त घुमंतु अर्ध घुमंतु स्वरोजगार योजना में महज 136 लोगों फायदा मिला. उक्त सभी आंकड़े 31 मार्च 2024 के अनुसार है.
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