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Mhow: आर्मी एरिया में बकरी चराने गए बच्चे ने उठाया बम, फटने से हुई मौत, एक अन्य बच्चा घायल

MP News: महू आर्मी एरिया के जंगलों में बकरी चराने गए 10 साल साल के एक बच्चे ने बम उठा लिया. जिसके बाद बम फट गया. इस हादसे में बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक अन्य बच्चा घायल है.

Mhow: आर्मी एरिया में बकरी चराने गए बच्चे ने उठाया बम, फटने से हुई मौत, एक अन्य बच्चा घायल
इस हादसे में एक 12 साल का बच्चा घायल हो गया, जिसका इलाज किया जा रहा है.

Child Died In Army Bomb Explosion: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर जिले (Indore) में आर्मी एरिया में एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 10 साल के मासूम बच्चे की जान चली गई. यह हादसा इंदौर जिले के महू (Army Area Mhow) में बड़गोंदा पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले आर्मी की बेरछा रेंज (Berchha Range) में हुआ. जहां बकरी चराने गए दो बच्चों में से एक की बम की चपेट में आने से मौत हो गई. वहीं दूसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे महू के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है.

परिजनों ने आनन-फानन में किया अंतिम संस्कार

इस मामले में एडिशनल एसपी (ग्रामीण) रूपेश द्विवेदी ने बताया कि ग्राम तिंछा के दो लड़के विशाल (12) और श्रीराम उर्फ कान्हा (10) बकरी चरने के लिए जंगल गए हुए थे, जहां विशाल ने करीब 6 से 8 इंच लंबा शेल बम उठा लिया, जिसके बाद वह बम वहीं पर फट गया. इस हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, उसका एक साथी जो उसके सबसे करीब था श्रीराम (कान्हा) घायल हो गया. इसके बाद कान्हा लंगड़ाते हुए गांव पहुंचा और परिजनों को घटना की जानकारी दी.

कान्हा को कमर में और दोनों पैरों में गंभीर चोटें आई हैं. रविवार देर रात करीब 9 बजे कान्हा को महू के निजी अस्पताल लाया गया. पुलिस और आर्मी के डर से ग्रामीणों ने मृतक विशाल के शव का रविवार शाम को ही अंतिम संस्कार कर दिया. थाना प्रभारी लोकेंद्र हिरोरे ने बताया कि बच्चों के परिजनों से पूछताछ कर रहे हैं. बयान के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बेरछा रेंज में अक्सर होती हैं ऐसी घटनाएं 

आपको बता दें कि इंदौर जिले के मिलिट्री हेडक्वार्टर ऑफ़ वॉर (महू) में यह कोई पहली घटना नहीं है. यहां अक्सर ट्रेनिंग सेंटर आर्मी के बेरछा रेंज में चले हुए बम के सामान को आसपास के ग्रामीण उठाकर कबाड़ में बेचने के लिए ले आते हैं और ऐसे में कई बार आर्मी की ट्रेनिंग में जो बम निष्क्रिय नहीं होते वह प्रतिबंधित क्षेत्र से ग्रामीण उठा लेते हैं. जिसके बाद जब वह बम फटता है तो कोई ना कोई घटना हो जाती है. 2 साल पहले भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें दो लोगों की मौत और 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

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