
Atithi Shikshak: मध्य प्रदेश में 70 हजार अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) को बड़ा झटका लगा है. लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश के बाद अब अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जाएगा. निराकरण का यह फैसला नियमितीकरण से जुड़ी दायर याचिका हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने दिया है. नियमितीकरण को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से साफ किया गया कि अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित नहीं किया जाएगा, बल्कि सीधी भर्ती में 25 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.
अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण को लेकर हाई कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
DPI ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा ( शैक्षणिक संवर्ग) शक्ति व भर्ती नियम 2018 और संशोधित नियम 1 दिसंबर, 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से खाली पदों भरने के लिए पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है. इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में 25 फीसदी पद अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित रहेंगी. जिन अभ्यर्थियों ने न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों और 200 दिन प्रदेश के सरकारी विद्यालय में अतिथि शिक्षक के तौर पर काम किया है उन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त पदों को अन्य पात्रता धारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा.
हाईकोर्ट ने DPI को दिए थे निराकरण के आदेश
दरअसल, मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार से अधिक पदों पर अतिथि शिक्षक काम करते हैं. जिसको लेकर लगातार नियमितीकरण की मांग भी होती रही है. इस बीच मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले फिरोज मंसूरी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और ये हवाला दिया था कि अतिथि शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और B.ed और D.ed भी हैं. इसके साथ ही 3 साल से लेकर 15 साल तक पढ़ने का अनुभव भी है.
उन्होंने अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का उदाहरण भी दिया और मांग की मध्य प्रदेश में भी इसी आधार पर शिक्षकों को नियमित किया जाय. जिस पर हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इसी तरह कुछ और शिक्षक भी पहुंचे थे जिसपर लोक शिक्षण संचालनालय ने निराकरण किया.
अतिथि शिक्षकों को नहीं किया जाएगा सीधे नियमित
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद लोक शिक्षण संचलनालय ने भर्ती नियमों के आधार पर तथ्यों का हवाला देते हुए कहा अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में अब अतिथि शिक्षक सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करेंगे. इसके पहले अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग पर मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह यह कह चुके हैं कि अतिथि शिक्षक का नाम ही 'अतिथि' है आप मेहमान बनकर आएंगे तो क्या हमारे घर पर कब्जा कर लेंगे?
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