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Pathri Ka Ilaj: क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी दाल (Pulse) है, जिसमें शरीर में तकलीफ बढ़ाने वाली पथरी (Stones) को भी गलाने का माद्दा है? यह दाल न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इसका इतिहास भी हजारों साल पुराना है. आयुर्वेद (Ayurveda) में इसे एक अद्भुत औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है. तो क्या आप जानना चाहेंगे कि यह रहस्यमयी दाल कौन सी है, जो समय के साथ हमारी सेहत के लिए इतनी फायदेमंद साबित हुई? उसका नाम है कुल्थी.
Meet horse gram, the tiny pulse with BIG benefits! Nutritious, eco-friendly, and perfect for use in every day dishes like sambar or rasam. It is now easily available and cheaper than other dals like toor or moong. Give it a try! #pulses #India #Agriculture #NutritionMatters… pic.twitter.com/HdPEqOp1Sc
— The Plate India (@thePlateIndia) February 24, 2025
क्या है कुल्थी की दाल?
कुल्थी की दाल, जिसे आमतौर पर "हॉर्स ग्राम" के नाम से भी जाना जाता है, विश्व की सबसे पुरानी दालों में से एक मानी जाती है. इसका इतिहास गंगा बेसिन सभ्यता और वैदिक सभ्यता से भी पुराना है. सरस्वती रिवर सभ्यता के समय, हड़प्पा कालीन सभ्यता में कुल्थी की दाल का सेवन किया जाता था और यह लगभग दस हजार वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप में खाई जा रही है.
कुल्थी की दाल का उल्लेख वेदों में भी किया गया है, जहां इसके औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. आयुर्वेद के दृष्टिकोण से भी यह एक सुपरफूड मानी जाती है और कई स्वास्थ्य लाभों का खजाना है. एशिया, खास तौर पर भारत में कुल्थी को "गरीबों की दाल की फसल" के रूप में जाना जाता है. यह अक्सर भोजन और चारे दोनों के रूप में काम आती है.
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स्वाद के साथ-साथ सेहत भी
कुल्थी की दाल न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. यह छोटे-छोटे काले रंग के बीजों वाली दाल प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, और फाइबर से भरपूर होती है. आयुर्वेद में इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के रूप में किया जाता है. किडनी की पथरी, कोलेस्ट्रॉल, बवासीर, और वजन घटाने में सहायक मानी जाती है. इसके अलावा, कुल्थी की दाल में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो पेट की समस्याओं, जैसे कब्ज, आंतों की सफाई और पाचन की गति को बेहतर करने में मदद करते हैं.
इसमें मौजूद फाइबर, पोटेशियम, और मैग्नीशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है. इसके साथ ही यह दाल खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करती है क्योंकि इसमें आयरन की अच्छी मात्रा होती है. यह हड्डियों को भी मजबूत बनाती है और कैल्शियम के अभाव को पूरा करती है.
कुल्थी की दाल का एक और लाभ यह है कि यह किडनी स्टोन की समस्या को भी दूर करने में मदद करती है. इसमें फेनोलिक एसिड, फ्लैवोनॉएड्स और टैनिंस जैसे तत्व होते हैं, जो किडनी स्टोन को गलाने में मदद करते हैं. यह गॉल ब्लैडर में मौजूद पथरी को भी तोड़ सकती है. कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार किडनी स्टोन के इलाज के लिए कुल्थी की दाल का सेवन बेहद फायदेमंद है. इसे रात भर भिगोकर, सुबह खाली पेट उसका पानी पीने से पथरी की समस्या से राहत मिल सकती है.
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