Ayurveda Benefits: आयुर्वेद के अनुसार हमारी त्वचा शरीर के अंदर की स्थिति को दिखाती है. जब शरीर में रूखापन बढ़ता है या पोषण की कमी होती है, तो उसका असर सबसे पहले पैरों और एड़ियों पर दिखता है. आयुर्वेद में कई ऐसे घरेलू उपाय मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से फटी एड़ियों में काफी राहत मिल सकती है. यह उपाय बाजार में आसानी से मिलने वाली अमृतधारा से जुड़ा है.
आयुर्वेद का मानना है कि अमृतधारा में मौजूद जड़ी-बूटियों के तत्व त्वचा की सूजन को कम करते हैं और दरारों को भरने में मदद करते हैं. अगर अमृतधारा की चार बूंदें लेकर थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली में मिलाकर रात को सोने से पहले एड़ियों पर लगाएं , तो एड़ियों का सूखापन धीरे-धीरे कम होने लगता है. रोजाना इसका उपयोग करने से एड़ियां मुलायम होती हैं और फटने की समस्या भी नहीं रहती.
अपने भोजन में ये करें शामिल
फटी एड़ियों का संबंध केवल बाहर की देखभाल से नहीं, बल्कि शरीर के अंदर पोषण की कमी से भी होता है. विटामिन सी और विटामिन बी3 की कमी से त्वचा कमजोर हो जाती है. जब त्वचा को सही पोषण नहीं मिलता, तो वह फटने लगती है. इसलिए आंवला, नींबू, संतरा, हरी सब्जियां और साबुत अनाज जैसे भोजन को अपनी थाली में शामिल करना जरूरी है.
इस वजह से फटती हैं एड़ियां
इसके अलावा एड़ियों के फटने के और भी कई कारण हो सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह, मोटापा, थायराइड और फंगल इंफेक्शन जैसी स्थितियों में भी एड़ियां ज्यादा फटती हैं.
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ये उपाय भी है कारगर
अमृतधारा के अलावा, आयुर्वेद में कुछ और सरल घरेलू उपाय भी हैं. नारियल तेल को हल्का गुनगुना करके रोज रात को एड़ियों पर लगाने से त्वचा को गहराई से पोषण मिलता है. गर्म पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर पैरों को कुछ देर डुबोने से त्वचा नरम हो जाती है. शहद लगाने से दरारों में दर्द कम होता है और भराव तेज होता है. पके केले को मसल कर एड़ियों पर लगाने से प्राकृतिक नमी मिलती है, जबकि चावल के आटे और शहद से हल्की स्क्रबिंग करने पर एड़ियां साफ और मुलायम बनती है.
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