Incense Sticks: सनातन हिंदू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व है. हिन्दू धर्म (Hinduism) की संस्कृति में पूजा से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं जिन्हें हर कोई निभाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं सनातन हिंदू धर्म में बांस या बांस (Bamboo) से बनी किसी भी प्रकार की चीज़ों को पूजा या अनुष्ठानों में प्रयोग करना वर्जित माना गया है. इतना ही नहीं अगरबत्तियों (Incense sticks) को बनाने में बांस का प्रयोग यदि होता है तो उसे जलाना भी कहा गया है आइए जानते हैं कि क्या वजह है इसके पीछे..
बांस से बनाया जाता है मंडप
हम हिन्दू धर्म में शादी, मुंडन आदि में बांस की पूजा की जाती है. शादियों में बांस से मंडप बनाया जाता है और उसे जतन से सजाया जाता है, इसीलिए पूजा विधियों में बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाना निषेध माना गया है.
बांस से बनती हैं बांसुरी
मान्यता यह भी है कि बांसुरी भी बांस की होती है और भगवान कृष्ण बांसुरी को धारण करते हैं इसीलिए बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाना अशुभ माना जाता है.
यह भी पढ़ें: Jainism: जैन धर्म सिखाता है जीवन जीने की सही राह, जानिए इन 5 सिद्धांतों के बारे में
बांस का उपयोग अर्थी बनाने में
मान्यता है कि बांस का उपयोग अर्थी बनाने में किया जाता है लेकिन दाह संस्कार में बांस को नहीं जलाया जाता है. इसीलिए बांस से बनी अगरबत्तियों को पूजा या आरती में उपयोग करना शुभ नहीं होता है.
वंश का होता है नाश
कहा जाता है कि बांस को जलाने से भाग्य और वंश का नाश होता है. मान्यता है कि भाग्य वरदान और वंश की संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. इसलिए हिन्दू धर्म में बांस को जलाना वर्जित होता है.
वैज्ञानिक तर्क
वैज्ञानिक तर्क है कि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मानें तो बांस में भारी मात्रा में लेड और हैवी मेटल होता है. जिसे जलाने से लेडऑक्साइड बनता है. यदि हम घर पर बांस से बनी लकड़ियां जलाते है तो ये हानिकारक तत्व हमारी साँस के ज़रिए शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं. जो हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है.