Screen Time Effects on Eye: आज की डिजिटल लाइफस्टाइल में हम दिनभर मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के सामने रहते हैं. अगर आपका भी स्क्रीन टाइम रोज 3 घंटे या उससे से ज्यादा है, तो यह आंखों की सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकता है. लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों में जलन, सूखापन, सिरदर्द और आंखों की रोशनी कमजोर होने जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि थोड़ी-सी सावधानी और योग के ज़रिए आप अपनी आंखों की देखभाल खुद कर सकते हैं.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, आंखों की देखभाल रोजमर्रा की आदतों और योग के माध्यम से भी की जा सकती है. आंखें हमारे शरीर की सबसे जरूरी इंद्रियों में से एक हैं. मंत्रालय ने 4 आसान योग भी बताए है, जिससे सब नॉर्मल हो सकता है.
त्राटक योग– आंखों का फोकस बढ़ाने वाला अभ्यास
‘त्राटक' एक पारंपरिक योग अभ्यास है जो आंखों के फोकस और ध्यान को मजबूत बनाता है. इसमें आपको किसी एक बिंदु या दीपक की लौ पर स्थिर नजर रखनी होती है. ऐसा करने से आंखों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और उनका नियंत्रण बेहतर होता है. यह न केवल आंखों की ताकत बढ़ाता है, बल्कि दिमाग को भी शांत करता है और एकाग्रता में सुधार लाता है.
भस्त्रिका प्राणायाम– आंखों में नई ऊर्जा लाने वाला अभ्यास
भस्त्रिका प्राणायाम सांस से जुड़ा योगाभ्यास है, जो शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है. जब शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, तो आंखों की नसों और कोशिकाओं तक रक्त का प्रवाह बेहतर होता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास आंखों में ऊर्जा और ताजगी बनाए रखता है. साथ ही, यह मानसिक तनाव को कम करता है, जिससे आंखों की थकान और सिरदर्द से राहत मिलती है.
आंखें झपकाना– छोटा सा अभ्यास, बड़ा असर
लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखें सूखने लगती हैं. ऐसे में बार-बार आंखें झपकाना बेहद फायदेमंद होता है. यह एक साधारण लेकिन असरदार तरीका है जिससे आंखों की सतह पर नमी बनी रहती है. नियमित रूप से यह अभ्यास करने से आंखों की मांसपेशियां लचीली रहती हैं और देखने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है.
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हथेली से आंख ढंकना– आंखों को आराम देने का सरल उपाय
जब हम अपनी हथेलियों को रगड़कर गर्म करते हैं और हल्के से आंखों पर रखते हैं, तो उस गर्माहट से आंखों को तुरंत आराम मिलता है. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास आंखों की नसों को सुकून देता है और रक्त परिसंचरण बेहतर करता है. इससे आंखों की थकान कम होती है और धीरे-धीरे देखने की क्षमता में भी सुधार आता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.