
April Fools Day History: हर साल पूरी दुनिया भर में एक अप्रैल को 'अप्रैल फूल डे' मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिन है जब दोस्तों और परिवार वालों के साथ लोग मजाक करते हैं. जब वो ऐसा करने में कामयाब हो जाते हैं तो 'अप्रैल फूल' बोलते हैं. यह दिन दिल खोलकर हंसने के लिए मानते हैं.
अप्रैल फूल्स डे के मौके पर लोग एक-दूसरे के साथ मजाक करते हैं. कई लोग तो ऐसे प्रैंक करते हैं कि सामने वाला हक्का-बक्का रह जाता है. कोई फर्जी खबर फैलाता है, तो कोई ऐसा मजेदार झांसा देता है कि सामने वाला हंसते-हंसते लोटपोट हो जाए. कभी आपने क्या सोचा है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई? क्यों 'अप्रैल फूल डे' (April Fool's Day) मनाया जाता है? यहां जानते हैं 'अप्रैल फूल डे' का इतिहास और महत्व.
अप्रैल फूल डे की शुरुआत कब और कैसे हुई? (April Fool's Day History)
अप्रैल फूल डे मनाने के पीछे कई कहानियां सुनने को मिलती हैं. अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1381 में ब्रिटेन में हुई थी. कहा जाता है कि इंग्लैंड का राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने अजीबोगरीब घोषणा की थी. उन्होंने अपनी जनता को अपने और रानी की एनी की सगाई खी घोषणा की थी और इसकी डेट 32 मार्च बताई थी. वहां की जनता भी नहीं समझ पाई कैलेंडर में 32 तारीख नहीं होती है और राजा की बात पर विश्वास कर लिया.
राजा की सगाई की खुशी में चारों तरफ उत्सव का माहौल बन गया और बाजार दुल्हन की सज चुकी थी. लोग तैयारियों में जुटे हुए थे कि अचानक उन्हें एहसास हुआ कि 32 मार्च तो कैलेंडर में कोई तारीख ही नहीं होती है. इसके बाद जनता को समझ में आ गया कि उन्हें बेवकूफ बनाया गया है. इसके बाद पूरे ब्रिटेन में '1 अप्रैल फूल डे' फैल गया.
बता दें कि स्कॉटलैंड में अप्रैल फूल्स डे दो दिनों तक चलता है. यहां शरारत करने वालों को गौक्स (कोयल पक्षी) कहा जाता है. अप्रैल फूल डे को ऑल फूल्स डे के रूप में भी जाना जाता है.
अप्रैल फूल डे का महत्व (Importance of April Fool's Day)
अप्रैल फूल डे के दिन लोग हंसी-मजाक करते हैं. यह दिन अपने दोस्तों और प्रियजनों को प्रैंक करने के साथ-साथ खुशियां फैलाना के लिए होता है.