छत्तीसगढ़ में करीब 31 फीसदी आबादी आदिवासी है. लिहाजा सरकार किसी की भी हो आदिवासियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनती ही रहती हैं. अब भूपेश सरकार ने इसी साल मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना शुरू करने का ऐलान किया है. योजना अपने आप में अनूठी इसलिए है क्योंकि इसके जरिए आदिवासी समुदाय को उनके त्योहार मनाने के लिए अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान ₹10000 का होगा. भूपेश सरकार नुदान की राशि दो बराबर किस्तों में दे रही है. इसके तहत राज्य के 1840 ग्राम पंचायतों को ₹5000 की पहली किस्त जारी भी की जा चुकी है.
जबलपुर में हुई योजना की शुरुआत
बता दें कि योजना की शुरुआत इसी साल 13 जबलपुर में आयोजित भरोसे के सम्मेलन कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री ने की थी. इस योजना को राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में इस योजना को लागू करने के लिए भूपेश सरकार ने 5 करोड़ का बजट बनाया है. योजना के संचालन के लिए गावों के लेवल पर समितियों का गठन किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य है कि इसकी सहायता से आदिवासी समाज अपने त्योहारों को धूमधाम से मना सकें और अपनी परंपराओं को संरक्षित कर सकें. इससे आने वाली पीढ़ियां भी अपनी संस्कृति को जान पाएंगी.
अब आपको बताते हैं कि आदिवासी परब सम्मान निधि योजना 2023 के तहत कौन-कौन से त्योहार शामिल किए हैं.
योजना के तहत लाभार्थियों को प्रतिवर्ष लाभ की राशि सरकार की ओर से दी जाएगी. मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत होंगे. इसके अलावा समिति अध्यक्ष द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कौन से त्यौहार में किस राशि का उपयोग किया जाएगा. उनके द्वारा मंजूरी के बाद ही योजना की राशि वितरित की जाएगी.