
अदालत की अवमानना के प्रकरण में जबलपुर हाईकोर्ट ने दो IAS अधिकारियों को कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक, छतरपुर के पूर्व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर छतरपुर अमर बहादुर सिंह को दोषी मानते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ये सजा सुनाई है.
क्या है मामला?
छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत जिला समन्वयक रचना द्विवेदी का ट्रांसफर बड़ा मलहरा कर दिया गया था. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा था कि संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है. हाईकोर्ट ने 10 जुलाई 2020 को स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट की रोक के बावजूद याचिकाकर्ता को बड़ा मलहरा में जॉइनिंग नहीं देने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसके कारण याचिकाकर्ता ने उक्त अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की.
इस मामले में 12 अगस्त को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में शीलेन्द्र सिंह और अमर बहादुर सिंह हाजिर हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में कोर्ट में जवाब प्रस्तुत करने के लिए ओआईसी नियुक्त किया गया था. ओआईसी ने जवाब भी प्रस्तुत किया था. कोर्ट ने कहा कि अवमानना प्रकरण में संबंधित अवमाननाकर्ता को ही व्यक्तिगत हलफनामे पर जवाब-दावा पेश करना होता है. कोर्ट ने कहा कि ओआईसी नियुक्त करके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. चूंकि कोर्ट का स्थगन आदेश था, इसलिए उक्त अधिकारियों को याचिकाकर्ता की सेवाएं जारी रखने देना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं अधिकारियों ने अदालत के आदेश का खुला उल्लंघन किया है. इस कारण न्यायलय ने आज दोनो आरोपियों को 7- 7 दिवस का कारावास और 50 -50 हजार रु का अर्थदंड अधिरोपित किया.