Law based changes in Year 2024: आज साल 2024 का आखिरी दिन है. नए साल 2025 (New Year 2025) के आगाज में बस अब कुछ ही घंटे बचे हुए हैं. भारत समेत पूरी दुनिया में लोग नए साल के जश्न की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में एक नजर पुराने साल में हुए बड़े बदलाव पर डाली जानी चाहिए. पीएम मोदी (PM Modi) हमेशा से औपनिवेशिक युग के कानूनों को समाप्त करने और देश के कानूनी ढांचे को आधुनिक बनाने के मिशन पर जोर देते आए हैं. 2024 में इसको काफी ज्यादा गति मिली. इस साल भी कई पुराने कानूनों को समाप्त कर नए कानून लाए गए. एक तरफ तीन नए भारतीय आपराधिक कानून (Indian Penal Code) देश में लागू हुए, तो दूसरी तरफ, वायुयान विधेयक, 2024 ने 1934 के वायुयान अधिनियम का स्थान लिया और समुद्री माल परिवहन विधेयक ने एक शताब्दी पुराने समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 1925 की जगह ली.
नए कानूनों का उद्देश्य लोगों को न्याय देना है, सजा देना नहीं
भारत में मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलकर 1 जून 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए. भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023; भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 संसद ने दिसंबर 2023 में पारित किया गया था. तीनों इस साल से प्रभावी हो गए. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का स्थान लिया है, जिसमें राजद्रोह कानून जैसे पुराने प्रावधान शामिल थे. भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह ली है और यह इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधानों सहित साक्ष्य प्रबंधन को आधुनिक बनाता है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) का स्थान ले लिया और इससे पुलिस हिरासत अवधि और संदिग्धों से निपटने की प्रक्रियाओं में बदलाव सुनिश्चित हुआ है.
वक्फ भी रहा चर्चा में...
आपराधिक कानून के अलावा इस साल सबसे बड़ा चर्चा का विषय वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 रहा है. वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित करने और वक्फ संपत्तियों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में दो विधेयक, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पेश किए गए थे. वक्फ संशोधन विधेयक में वक्फ संपत्तियों के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल करने का प्रावधान है, जिसमें दावों के लिए उचित दस्तावेज की आवश्यकता होगी. विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव है.
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024
साल 2020 में भारत की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव किए गए. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बाद अब समग्र शैक्षिक मानकों को बढ़ाने और सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 के साथ एक योग्यता प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए तैयार है. बता दें कि सार्वजनिक परीक्षा विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में विश्वास बहाल करना और पूरे देश में सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपर लीक तथा धोखाधड़ी के व्यापक मुद्दे का मुकाबला करना है. इसमें परीक्षा अधिकारियों या सेवा प्रदाताओं से जुड़े संगठित अपराधों के लिए अपराधियों को तीन से 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. यह विधेयक संभवतः संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, जो पूरी तरह युवाओं को समर्पित है.
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बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2024
इस साल एक और खास बिल, बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2024 भी पेश किया गया. इसका उद्देश्य सरलीकरण और समझ में आसानी की सुविधा के लिए भारतीय बिल ऑफ लैडिंग एक्ट, 1856 को निरस्त तथा फिर से अधिनियमित करना है. अधिनियम में कहा गया है कि लदान बिल, जहाज पर माल होने का निर्णायक सबूत है. विधेयक के अनुसार केंद्र सरकार बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए निर्देश जारी कर सकती है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना, टन भार को बढ़ावा देना, नाविकों के कल्याण को बढ़ाना, समुद्री सुरक्षा करना, समुद्री प्रदूषण को रोकना, भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को लागू करना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना और व्यापार में आसानी करना है.
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रेल (संशोधन) विधेयक, 2024
भारतीय रेलवे ने अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 97 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया है, जो 2024-25 तक पूर्ण विद्युतीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत का पहला ऊर्ध्वाधर लिफ्ट समुद्री पुल, न्यू पंबन ब्रिज अब 105 साल पुरानी संरचना की जगह पूरा हो गया है. इसके अलावा 102 वंदे भारत ट्रेन सेवाओं के परिचालन (सितंबर 2024 तक) के साथ, रेलवे ने यात्री अनुभव को फिर से परिभाषित करना जारी रखा है. रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 परिचालन दक्षता में सुधार और रेलवे जोन को अधिक स्वायत्तता देने के लिए पेश किया गया था.स्थित करना है, जिससे रेलवे संचालन की समग्र दक्षता को बढ़ावा मिलेगा.
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बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024
साल 2024 में भारत की बैंकिंग प्रणाली ने उल्लेखनीय लचीलापन और ताकत का प्रदर्शन किया है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिए सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात मार्च 2018 में 14.58 प्रतिशत से गिरकर सितंबर 2024 में 3.12 प्रतिशत हो गया है. साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में पीएसबी ने अपना अब तक का सर्वाधिक कुल शुद्ध लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये हासिल किया. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्लोबल फाइनेंस के सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष 'ए प्लस' रेटिंग से सम्मानित किया.
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