
Kailash Vijayvargiya's clarification: मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के 'भाई-बहन' के रिश्ते पर दिए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है...उनके बयान पर कांग्रेस ने उन्हें बेशर्म बताते हुए तीखा हमला किया तो अब कैलाश विजयवर्गीय की सफाई भी सामने आ गई है. बता दें कि गुरुवार को शाजापुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था- आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं जो अपनी जवान बहन को बीच चौराहे पर चुंबन करते हैं. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप में से कौन हैं जो अपनी जवान बहन-बेटी को बीच चौराहे पर चुंबन करता है. BJP के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय के इसी बयान के बाद भारी बवाल खड़ा हो गया था. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने विजयवर्गीय पर हमला बोला था.
अब कैलाश विजयवर्गीय ने क्या सफाई दी?
विवाद बढ़ने के बाद विजयवर्गीय ने अब अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा- कल पंडित दीनदयाल जी की जयंती थी...उन्होंने भारतीय संस्कृति और मानव दर्शन पर हमें अच्छी सीख दी है. मैं इसी संदर्भ में बात कर रहा था. मैं किसी रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह नहीं उठा रहा हूं.सब रिश्ते पवित्र हैं पर एक मर्यादा भी है, मैं उसकी बात कर रहा था. भाई-बहन का और पिता-बेटी का पवित्र रिश्ता है पर मैं एक मर्यादा की बात कर रहा हूं. मैं भी अपनी बहन का सर चूमता हूं,ऐसी बात नहीं है. मैंने ये कहा था कि विदेशों में ये सब चलता है. हमारे यहां नहीं चलता है. आप भी बीच चौराहे पर ऐसा नहीं कर सकते. मेरे भाषण को टुकड़ों-टुकड़ों में लेकर इशू बना लेना सही नहीं है. मेरा बयान रिश्तों की पवित्रता पर नहीं बल्कि सार्वजनिक रूप से स्नेह ज़ाहिर करने की भारतीय मर्यादा पर था. कांग्रेस इसे बेवजह भाई-बहन के रिश्ते का अपमान बताकर विवाद खड़ा कर रही है.
क्या था वो बयान जिस पर हुआ बवाल?
दरअसल गुरुवार को शाजापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज के नेताओं में संस्कारों की कमी है.हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं- हमारी बहनों के गांव जीरापुर में तो हम पानी तक नहीं पीते हैं. मेरे पिताजी घर से पानी का लोटा लेकर आते थे. लेकिन, आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी जवान बहन को बीच चौराहे पर चुंबन करते हैं.मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप में से कौन हैं.जो अपनी जवान बहन-बेटी को बीच चौराहे पर चुंबन करता है. ये संस्कारों का अभाव है,ये संस्कार तो विदेशी संस्कृति के हैं...इसमें उनकी गलती नहीं है...वह विदेश में पले-बढ़े हैं.
कांग्रेस ने घेर लिया विजयवर्गीय को
विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने तुरंत तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसे सस्ती राजनीति बताया. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा-"नवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर मंत्री जी भाई-बहन के पवित्र रिश्ते पर इस प्रकार की बात कर रहे हैं. राजनीति के लिए लाख विषय हो सकते हैं लेकिन कम से कम भाई-बहन के पवित्र रिश्ते पर इस प्रकार की टिप्पणी न करें.माता रानी उन्हें सद्बुद्धि दें". पटवारी ने विजयवर्गीय की आलोचना करते हुए आगे कहा था-"कैलाश विजयवर्गीय की सोच भाषा को सब जानते हैं.वो बहन-बेटी और मां का सौ बार अपमान कर चुके हैं.अब उनकी भाई-बहन के रिश्तों को लेकर ये सोच है तो मुझे इसपर जवाब देने पर भी शर्म आती है.इतने बेशर्म आदमी की बात का मैं जवाब नहीं दूंगा". दूसरी तरफ शाजापुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरेश्वर प्रताप सिंह ने बयान को बीजेपी की संस्कृति और मातृशक्ति के प्रति उनकी सोच को उजागर करने वाला बताया था. नरेश्वर ने इस पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. हालांकि विजयवर्गीय की सफाई के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है.अब देखना ये है कि ये बयानबाजी कहां तक जाती है.
ये भी पढ़ें: Ladakh Violence: लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक गिरफ्तार, 4 लोगों की हुई थी मौत