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Paytm Q4 Results: कर्मचारियों की टेंशन बढ़ी, Paytm ने दिये छंटनी के संकेत, AI बन सकती है वजह

Paytm's fourth quarter results: वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने तिमाही नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में उसका राजस्व तीन प्रतिशत घटकर 2,267 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी ने बताया कि यह गिरावट प्रमुख रूप से वृहद आर्थिक चुनौतियों, बढ़ी प्रतिस्पर्द्धा और नियामकीय बदलावों के कारण आई है.

Paytm Q4 Results: कर्मचारियों की टेंशन बढ़ी, Paytm ने दिये छंटनी के संकेत, AI बन सकती है वजह

Paytm Results: निकट भविष्य में छंटनी के संकेत देते हुए डिजिटल भुगतान (Digital Payment) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी पेटीएम (Paytm) ने बुधवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित क्षमताओं के दम पर महत्वपूर्ण लागत दक्षता हासिल करने के लिए कंपनी "छोटी संगठन संरचना" और "मुख्य से इतर कारोबारों को अलग करने" की योजना बना रही है. पेटीएम ने शेयर बाजार (Share Market) को बताया कि एआई के दम पर और मुख्य कारोबार पर फोकस करते हुए "हम संगठन की संरचना छोटी करने सहित महत्वपूर्ण लागत दक्षता पर काम कर रहे हैं".

Paytm ने क्या कहा?

वित्तीय सेवा प्रदाता ने कहा, "हमारे एआई में चल रहे प्रयोगों और सीख से वित्तीय उद्योग के लिए ग्राहकों तथा मर्चेंट केयर में क्रांतिकारी बदलावों की संभावना है. साथ ही यह राजस्व सृजन और लागत कम करने के नये मार्ग भी प्रशस्त करेगा."

पेटीएम ने कहा कि उसे "आने वाली तिमाहियों में इन पहलों के स्पष्ट परिणाम" दिखने की उम्मीद है जिससे बाजार प्रतिस्पर्द्धा में उसे लाभ मिलेगा.

ऐसे है चौथी तिमाही के नतीजे

पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड को वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ हुआ है. पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में यह 3.2 गुणा का उछाल है. इस दौरान पेटीएम का राजस्व भी पहले की तिमाही के मुकाबले 20 प्रतिशत घट गया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक (पीपीबीएल) की कुछ सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के बाद कंपनी का तिमाही परिणाम प्रभावित हुआ है.

वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने बुधवार को तिमाही नतीजों की घोषणा की. उसने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में उसका राजस्व तीन प्रतिशत घटकर 2,267 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी ने बताया कि यह गिरावट प्रमुख रूप से वृहद आर्थिक चुनौतियों, बढ़ी प्रतिस्पर्द्धा और नियामकीय बदलावों के कारण आई है.

पेटीएम ने कहा कि राजस्व घटने के बावजूद उसने मुनाफा बढ़ाने और परिचालन दक्षता में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है. पूरे वित्त वर्ष के लिए परिचालन से प्राप्त राजस्व 25 प्रतिशत बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह वृद्धि मुख्य रूप से ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी), डिवाइसों की संख्या और वित्तीय सेवाओं के ऑफर बढ़ने के कारण दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में पेटीएम का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) 39 फीसदी बढ़कर 18.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

मर्चेंट सब्सक्राइबर का ऐसा है हाल

मार्च 2024 तक प्लेटफॉर्म पर 1.07 करोड़ मर्चेंट सब्सक्राइबर थे जो एक साल पहले के मुकाबले 39 प्रतिशत ज्यादा है. विकास और परिचालन लाभ बढ़ने से कंपनी का ओवरऑल नुकसान 1,423 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की तुलना में 354 करोड़ रुपये कम है.

कंपनी ने बताया कि इसके अलावा, कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) से पहले पेटीएम का 'ब्याज, कर, मूल्य ह्रास और अमॉर्टाईजेश से पहले का लाभ' (ईबीआईटीडीए) बढ़कर 559 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पेटीएम की भुगतान सेवाओं का आकार वित्त वर्ष 2023-24 में 6,235 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने कहा कि इस वृद्धि के पीछे विस्तृत पैमाने पर डिजिटल भुगतान को अपनाया जाना और मर्चेंट बेस के विस्तार पर कंपनी का जारी फोकस मुख्य वजह है.

वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में साल-दर-साल आधार पर भुगतान सेवा का राजस्व सात फीसदी बढ़कर 1,568 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. मार्केटिंग सेवाओं का कारोबार 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,738 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई के लिए प्रोत्साहन राशि के मद में कंपनी ने 288 करोड़ रुपये दिये जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 182 करोड़ रुपये था.

प्लेटफॉर्म पर यूजरों की सक्रियता में सकारात्मक रुख रहा. साल-दर-साल आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में लेनदेन करने वाले यूजरों की औसत मासिक संख्या 9.6 करोड़ हो गई.

अंतिम तिमाही में कंपनी को काफी अस्थायी बाधाओं का सामना करना पड़ा था. कंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, "पेटीएम वॉलेट और फास्टैग जैसे पीपीबीएल के उत्पादों में पेटीएम के कारण उथल-पुथल रही. जैसा की हमने पहले कहा था, इन उत्पादों पर मौजूदा इमबार्गो के कारण हमें साल में ईबीआईटीडीए पर 500 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है." कंपनी ने कहा कि इसका ज्यादातर प्रभाव वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में दिखेगा क्योंकि अधिकतर उत्पाद 2023-24 की चौथी तिमाही में परिचालन में थे.

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