
UPI Transaction Charges: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के उपयोग को और अधिक सुरक्षित और नियंत्रित बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अगर आप Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद अहम है.
सिर्फ 25 बार देख सकेंगे बैलेंस
नए नियमों के अनुसार, कोई भी यूजर एक ऐप के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों की जानकारी एक दिन में केवल 25 बार ही देख पाएगा. इससे अनावश्यक ट्रैफिक और सिस्टम लोड को कम करने में मदद मिलेगी.
UPI ऑटो-पे की संख्या होगी सीमित
NPCI ने PSPs को निर्देश दिया है कि वे UPI ऑटोपे का प्रोसेस नॉन-पीक ऑवर्स में और नियंत्रित गति से करें. हर ऑटो-पे मैंडेट को अधिकतम एक बार प्रयास किया जाएगा और असफल होने पर तीन बार तक दोबारा कोशिश की जा सकती है.
हर ट्रांजेक्शन के बाद मिलेगी बैलेंस की जानकारी
अब बैंक हर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के बाद यूजर को उनके खाते में बची राशि की जानकारी देंगे. इससे ग्राहकों को बेहतर ट्रैकिंग और ट्रांसपेरेंसी मिलेगी. ताकि, किसी भी प्रकार का फ्रॉड होने पर उन्हें तत्काल इसकी जानकारी मिल सके.
नियमों का पालन न करने पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई
NPCI के अनुसार, यदि बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके ऊपर पेनाल्टी लगाई जा सकती है. इसमें API एक्सेस पर रोक, नए ग्राहकों को जोड़ने पर अस्थायी प्रतिबंध और अन्य कड़ी कार्रवाइयां शामिल हैं. इसके लिए बाकायदा सभी PSPs को 31 अगस्त 2025 तक NPCI को एक अंडरटेकिंग सबमिट करनी होगी.
बैंकों और UPI ऐप्स को करना होगा API उपयोग पर नियंत्रण
NPCI ने बैंकों और PSPs (जैसे Paytm, PhonePe आदि) को निर्देश दिया है कि वे API उपयोग की निगरानी करें. सभी API रिक्वेस्ट्स , चाहे वह ग्राहक की ओर से की गई हो, या सिस्टम की तरफ से, इनकी स्पीड (TPS: Transactions Per Second) और वॉल्यूम को नियंत्रित करना अनिवार्य होगा.
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