
Paralympics 2024: देश की बेटी मनीषा रामदास ने पैरालंपिक खेल में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने महिला एकल एसयू5 वर्ग में तीसरे स्थान के मैच में डेनमार्क की कैथरीन रोसेनग्रेन को 2-0 (21-12, 21-8) से हराया. इसके अलावा भारत की थुलसिमथी मुरुगेसन ने रजत पदक जीता, जिससे पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 11 हो गई.
10-5 की बढ़त ले ली
कैथरीन ने दूसरे गेम की शुरुआत पॉजिटिव इरादे से की और मनीषा के खिलाफ 3-0 से आगे हो गई, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने फिर से वापसी की और 10-5 की बढ़त ले ली. दूसरे गेम में पिछड़ने के बाद डेनिश खिलाड़ी कभी भी वापसी नहीं कर पाई और लगातार अंक गंवाती चली गई, जिससे गेम उसके हाथ से निकल गया. मनीषा ने गेम 21-8 के स्कोर के साथ समाप्त किया, जिसने उसकी जीत को और मजबूत बना दिया.
स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर कर दिया था
सेमीफाइनल में नंबर 1 सीड थुलसिमथी के खिलाफ मनीषा की 0-2 (21-23, 17-21) की हार ने उन्हें स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर कर दिया था. 19 वर्षीय खिलाड़ी ने ग्रुप सी में दूसरे स्थान पर रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में जापान की मामिको टोयोडा को 2-0 (21-13, 21-16) से हराया था. ग्रुप स्टेज में उनकी एकमात्र हार अंतिम फाइनलिस्ट क्यूक्सिया यांग के खिलाफ हुई.
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ये खिताब दिया गया था
एसयू5 श्रेणी में, खिलाड़ियों के अपर लिंब में कमी होती है. यह कमी खेलने वाले या न खेलने वाले हाथ में हो सकती है. मनीषा ने टोक्यो में 2022 विश्व चैंपियनशिप में महिला एसयू5 एकल में स्वर्ण पदक जीता था, जिसके बाद उन्हें बैडमिंटन विश्व महासंघ द्वारा 2022 के लिए महिला पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी का खिताब दिया गया था.
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