Paralympics Paris: भोपाल (Bhopal) में मंगलवार को भाजपा (BJP) ने प्रदेश कार्यालय में सेवा पखवाड़े के तहत पेरिस पैरालम्पिक (Paralympics Paris) में शामिल हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खिलाड़ियों का सम्मान किया. इस दौरान मध्य प्रदेश के तीन खिलाड़ी कैनो स्प्रिंटर पूजा ओझा (Pooja Ojha), प्राची यादव (Prachi Yadav) और जूडो में पहला पैरालंपिक पदक जीतकर इतिहास रचने वाले कपिल परमार (Kapil Pramar) को सम्मानित किया गया. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) और बीजेपी (BJP) प्रदेश प्रभारी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे.
खिलाड़ियों से सीएम से की ये मांग
तीनों खिलाड़ियों को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री ने संबोधन के दौरान जब पुरस्कार की चर्चा की, तो पैरा-जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने मंच से ही कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने विवेक सागर को सरकारी नौकरी और एक करोड़ की राशि पुरस्कार के तौर पर दिया था. लिहाजा, उसी तरह का सम्मान हमें भी मिलना चाहिए.
सीएम ने मान ली मांग
कपिल परमार की मांग के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पैरालम्पिक खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव की बड़ी घोषणा कर दी. सीएम मोहन ने कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरी दी जाएगी और इनाम के तौर एक - एक करोड़ की राशि पुरस्कार के तौर पर मध्य प्रदेश सरकार देगी. मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से बधाई देते हुए कहा कि सरकार हर तरह से प्रोत्साहन देगी. इसके सात ही सीएम ने कहा कि खेल विभाग की ओर से भी राज्य सरकार खिलाड़ियों के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित करेगी.
इसलिए पदक नहीं जीत पाई प्राची
फाइनल तक पहुंचने वाली भारतीय कैनो स्प्रिंटर प्राची यादव ने NDTV से बात करते हुए कहा मुझे मेडल मिलने के पूरे चांस थे, लेकिन 5 महीने पहले आंख में इन्फेक्शन की वजह से आंख की कॉर्निया ब्लास्ट हो गई. डॉक्टर ने ट्रांसप्लांट करने के लिए कहा, लेकिन मैं विड्रॉल नहीं कर सकती थी, इसलिए मैंने विड्रॉल नहीं किया. आंख में पट्टी बांधकर मैंने पार्टिसिपेट किया. मैंने सेमीफाइनल में बहुत अच्छी टाइमिंग दी. इसके बाद फाइनल में भी पहुंची. लेकिन, ज्यादा जोर लगाती, तो रेटिना फट जाता फिर पता नहीं क्या होता.हो सकता था कि मैं जिंदगी भर के लिए ब्लाइंड हो जाती. लिहाजा, फाइनल में इंट्री मारना मेरे लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट है. उन्होंने कहा कि अगली बार गोल्ड के लिए टारगेट रखना है. मुख्यमंत्री ने एक करोड़ की हमारे लिए घोषणा की है. देखते हैं कि आगे क्या होता है ? हम पैरालम्पिक खिलाड़ियों को उतना सम्मान नहीं मिलता, मध्य प्रदेश सरकार क्या करती है देखते हैं.
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सेमीफाइनल तक जाने वाली कैनो स्प्रिंटर पूजा ओझा ने कहा कि यह मेरा पहला पैरालंपिक था. हमने काफी चीजें सीखी. आगे और अच्छा करेंगे, क्योंकि बहुत सारी चीज़ सीखने को मिली हैं. उन्होंने कहा कि पैरालंपिक खेलों का बहुत बड़ा महाकुंभ है. हर खिलाड़ी का उसमें जाना सपना होता है. मेरा सपना पूरा हुआ, आगे मैं और बेहतर करने के लिए बहुत कोशिश करूंगी. मां चाहती हूं कि मुख्यमंत्री घोषणा पर अमल हो. इस घोषणा से हम काफी खुश हैं. इसके लिए हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं.