केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने I.N.D.I.A. गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि द्रमुक और विपक्षी गठबंधन हिंदुओं और 'सनातन धर्म' के खिलाफ हैं. उन्होंने द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए भड़काऊ बयान पर तीखा हमला बोला है. सीतारमण ने कहा कि लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराना बंद किया जाना चाहिए. इसके साथ ही सीतारमण ने सीधे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी उन समूहों का समर्थन करती है जो "भारत को तोड़ना" चाहते हैं.
सनातन विरोधी DMK की स्पष्ट नीति
वित्त मंत्री ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि ने खुले तौर पर कहा कि यह सनातन धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि सनातन धर्म को मिटाने के लिए है. वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि सनातन विरोधी डीएमके की स्पष्ट नीति है, उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इसकी गवाह हैं. उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों को संविधान का मखौल बताते हुए सीतारमण ने आरोप लगाया कि उदयनिधि ने जानबूझकर विवादास्पद टिप्पणियां की हैं, यह जानते हुए भी कि यह सार्वजनिक पद पर उनकी शपथ का उल्लंघन होगा.
दिल्ली घोषणा पर वित्त मंत्री ने क्या कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि G20, जो मूल रूप से एक वित्तीय मंच है, उसने क्रिप्टो करेंसी, वैश्विक ऋण और ब्रेटन वुड्स संस्थानों - अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर सामूहिक कार्रवाई की है. क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करने पर वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सभी देश अलग-अलग प्रयास करते हैं तो यह दुनिया के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक कार्रवाई और सारगर्भित चर्चा की जरूरत है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त ट्रैक का G20 में महत्वपूर्ण योगदान है. जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सुविचारित तरीके से कहा है कि बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भारत सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने में कामयाब रहा और वह दिल्ली घोषणा पत्र से बहुत संतुष्ट हैं. फोरम में पीएम मोदी को वैश्विक दक्षिण की आवाज बताते हुए सीतारमण ने कहा कि मध्यम आय वाले देश कर्ज से पीड़ित हैं, इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है.
DMK नेता उदयनिधि ने दिया था विवादित बयान
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म पर विवादित बयान देते हुए कहा था, "सनातन (धर्म) को मलेरिया, डेंगू और मच्छर की तरह खत्म किया जाना चाहिए, न कि इसका विरोध किया जाना चाहिए". इसके साथ ही द्रमुक नेता ए राजा ने भी कथित तौर पर कहा था कि सनातन धर्म की तुलना एड्स और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की जानी चाहिए, जिनके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है. द्रमुक नेताओं के इन बयानों पर बीजेपी और उसके सहयोगियों ने भारी विरोध दर्ज किया था.
जिसके बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने उदयनिधि का बचाव करते हुए कहा था कि उनके बेटे ने केवल सनातन द्वारा प्रचारित अमानवीय सिद्धांतों, जो अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते है, उनके बारे में बात की थी. उनका इरादा किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था.
कांग्रेस ने उदयनिधि के बयान से किया किनाया
इससे पहले बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी हाल ही में कांग्रेस और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा है. हालांकि, कांग्रेस ने द्रमुक नेता उदयनिधि की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया था. कांग्रेस ने कहा है कि वह उदयनिधि स्टालिन और ए राजा की टिप्पणियों से सहमत नहीं है, और कहा कि पार्टी सभी धर्मों के लिए समान सम्मान में विश्वास करती है.
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