Maha Kumbh 2025 Shahi Snan Dates: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में नए साल की शुरूआत बहुत भव्य होने वाली है. साल 2025 के पहले ही महीने में यहां सनातन धर्म का भी महासंगम देखने को मिलेगा. हिन्दू धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले, महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आयोजन जनवरी और फरवरी 2025 के बीच होने वाला है. इस कुंभ के लिए जितनी अधिक तैयारियां भक्त और साधु-संत कर रहे हैं, उतनी ही अधिक तैयारी में यूपी सरकार भी है. महाकुंभ की शुरूआत मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) के दिन से होगी और फरवरी में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) के दिन इसका समापन होगा. आइए आपको बताते हैं कि महाकुंभ 2025 की शुरूआत किस दिन से होगी और इस एक महीने के दौरान शाही स्नान की प्रमुख तिथियां क्या-क्या हैं.
इस दिन से शुरू होगा महाकुंभ 2025
हिन्दू वैदिक पंचाग की मानें, तो प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर लगने वाले महाकुंभ की शुरूआत पौष पूर्णिमा, 13 जनवरी 2025, सोमवार से होगी और समापन महाशिवरात्रि की तिथि पर, 26 फरवरी 2025, बुधवार को होगी. अगर बात करें मुहूर्त की, तो 2025 जनवरी में पौष पूर्णिमा की शुरूआत 13 जनवरी को सुबह 5 बजकर 3 मिनट से होगी और 14 जनवरी, मंगलवार को देर रात 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, पौष पूर्णिमा का पर्व 13 जनवरी सोमवार को मानाया जाएगा.
पौष पूर्णिमा 2025 पर शुभ योग
13 जनवरी, पौष पूर्णिमा के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन रवि योग और भद्रा योग का संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. भद्रा योग में भगवान विष्णु की पूजा करने का खास महत्व है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है.
महाकुंभ 2025 शाही स्नान की तिथियां
वैसे तो कुंभ के दौरान स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. कुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना सनातन धर्म में अति पवित्र माना गया है. लेकिन, इस एक महीने में भी कुछ खास तिथियां ऐसी हैं, जिन्हें शाही स्नान की तिथि माना जाता है. इस दिन स्नान करने की मान्यता है कि इससे सभी पाप धुल जाते हैं. जनवरी 2025 से फरवरी 2025 के बीच महाकुंभ में शाही स्नान की तिथियां ये हैं:
- पहला शाही स्नान-14 जनवरी 2025, मंगलवार (मकर संक्रांति)
- दूसरा शाही स्नान-29 जनवरी 2025, बुधवार (मौनी अमावस्या)
- तीसरा शाही स्नान-3 फरवरी 2025, सोमवार (बसंत पंचमी)
- चौथा शाही स्नान-12 फरवरी 2025, बुधवार (माघी पूर्णिमा)
- पांचवा शाही स्नान-26 फरवरी 2025, बुधवार (महाशिवरात्रि)
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महाकुंभ में स्नान का महत्व
हिन्दू धर्म में कुंभ मेले में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व है. मान्यताओं के अनुसार, कुंभ के दौरान हिन्दू धर्म की पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से जन्मों के पाप धुल जाते हैं. प्रयागराज को संगम नगरी कहा जाता है. यहां हिन्दू धर्म की प्रमुख तीन पवित्र नदियां, गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है. इस संगम की जगह को त्रिवेणी तट कहा जाता है. कुंभ के महीने के दौरान इस तट पर स्नान करना अति फलदायी माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)