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मध्यप्रदेश के ये दिग्गज महाराष्ट्र में थे बेहद एक्टिव, BJP को मिल गई प्रचंड जीत

महाराष्ट्र में मिली प्रचंड जीत में भी बीजेपी के चुनावी मैनेजमेंट की बड़ी भूमिका रही. महाराष्ट्र चुनाव में मध्यप्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने मसलन- मुख्यमंत्री मोहन यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा ने भी खूब पसीना बहाया है. बीजेपी ने इन्हें स्टार प्रचारक बना कर संभाग वार जिम्मेदारी सौंपी थी.

मध्यप्रदेश के ये दिग्गज महाराष्ट्र में थे बेहद एक्टिव, BJP को मिल गई प्रचंड जीत

Maharashtra Vidhansabha Result: ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो साल के सभी 365 दिन चुनाव की तैयारी में रहती है. चुनाव भले ही नगर निगम का हो या फिर सांसदी का बीजेपी पूरी तैयारी से मैदान में उतरती है. इसी मैनजमेंट के बूते वो अधिकांश चुनावों में जीत दर्ज करती है. महाराष्ट्र में मिली प्रचंड जीत में भी बीजेपी की मैनेजमेंट की बड़ी भूमिका रही. महाराष्ट्र चुनाव में मध्यप्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने मसलन- मुख्यमंत्री मोहन यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा ने भी खूब पसीना बहाया है. बीजेपी ने इन्हें स्टार प्रचारक बना कर संभाग वार जिम्मेदारी सौंपी थी. इसकी एक बड़ी वजह ये भी रही है कि महाराष्ट्र के साथ मध्यप्रदेश अपनी बड़ी सीमा साझा करती है. राज्य के कई बीजेपी नेताओं का इन सीमाई इलाकों में प्रभाव भी रहा है. आपको बताते हैं कि MP के कौन से नेता महाराष्ट्र में कहा सक्रिय रहे?

मोहन यादव जहां-जहां गए मिली जीत

मुख्यमंत्री मोहन यादव को पार्टी ने किसी सीट की जिम्मेदारी तो नहीं दी थी लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र में कई रैलियों को संबोधित किया. महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने  कालिना, धारावी, सायन, घाटकोपर और कांदिवली रैलियां की.  जिनमें बीजेपी को जीत मिली है. दरअसल मोहन यादव ने जब से कार्यभार संभाला है तब से उन्होंने जिन-जिन राज्यों में चुनाव प्रचार किया वहां बीजेपी को जीत मिली. इसका उदाहरण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडीशा और आंध्र प्रदेश के चुनाव हैं. यहां मोहन यादव जहां-जहां गए पार्टी को जीत मिली. 

मराठी बोलने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का जलवा 

मराठा समुदाय से आने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया  को BJP ने महाराष्ट्र में स्टार प्रचारक बनाया था. सिंधिया ने राज्य के कई इलाकों में विशेषकर मराठवाड़ा में पार्टी के लिए जमकर पसीना बहाया. मराठी भाषा पर पकड़ रखने वाले सिंधिया की रैलियों का असर चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला. सिंधिया ने बीजेपी के साथ-साथ एनसीपी और शिवसेना के प्रत्याशियों के पक्ष में भी प्रचार किया.

चुनावी मैनेजमेंट के माहिर हैं कैलाश विजयवर्गीय 

कैलाश विजयवर्गीय का पुराना रिकॉर्ड रहा है उन्हें जिस भी राज्य की जिम्मेदारी मिली वहां उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन में सुधार ही किया है. पश्चिम बंगाल और हरियाणा इसका उदाहरण है. मौजूदा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें नागपुर की जिम्मेदारी सौंपी थी. जहां विजयवर्गीय ने छोटी-छोटी संभाएं करके न सिर्फ बीजेपी बल्कि महायुति के अलग-अलग नेताओं के लिए भी प्रचार किया. उन्होंने कई समाजिक संगठनों के साथ बैठक कर भी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया.   

विदर्भ में एक्टिव रहे नरोत्तम मिश्रा   

मध्य प्रदेश पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को बीजेपी ने विदर्भ इलाके में एक्टिव किया था. इन इलाकों में कैंप करके नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में जी तोड़ मेहनत की.  विदर्भ की कई सीटों पर समाएं करने के साथ उन्होंने बैठकें भी कीं. नरोत्तम को अमित शाह का करीबी माना जाता है लिहाजा उनकी रणनीति को विदर्भ में उतारने में उनकी बड़ी भूमिका रही है.  

विश्वास सारंग को भी मिली थी जिम्मेदारी 

मोहन सरकार में खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने एक महीने से ज्यादा वक्त तक महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार किया. कई विधानसभा सीटों पर उन्होंने भी जमकर पसीना बहाया है. इसमें विदर्भ इलाके की सीटें शामिल हैं. मौजूदा चुनाव परिणाम में भी इसका असर दिखा है.

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