विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 11, 2023

सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 'संवेदनशील' मामले को 'बहुत असंवेदनशील' तरीके से संभाला: दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर का मामला संवेदनशील है और 'हमें वहां की स्थिति को समझने की जरूरत है'.

सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 'संवेदनशील' मामले को 'बहुत असंवेदनशील' तरीके से संभाला: दिग्विजय सिंह
फाइल फोटो

Digvijay Singh: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 'संवेदनशील' मामले को 'बहुत असंवेदनशील' तरीके से संभाला है. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों को पिछले चार वर्षों से प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. उन्होंने राज्यसभा में कश्मीर से संबंधित दो विधेयकों पर चर्चा के दौरान कहा कि स्थानीय लोगों की इच्छा की अनदेखी की जा रही है और सरकार राज्य के बाहर से लाए गए अधिकारियों के माध्यम से 'निरंकुश तरीके' से काम कर रही है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा अचानक छीन लिया गया और अब सरकार इसे बहाल करने का प्रस्ताव कर रही है. सिंह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर का मामला संवेदनशील है और 'हमें वहां की स्थिति को समझने की जरूरत है'. उन्होंने भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जम्मू-कश्मीर के इतिहास के बारे में बात करते हुए तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया. सिंह ने कहा, 'अगर जम्मू कश्मीर और कश्मीर घाटी भारत के साथ है तो इसका श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला को जाता है.'

यह भी पढ़ें : मोहन यादव को CM बनाए जाने पर कांग्रेस ने कसा तंज, पटवारी ने दिया ताना...तो अधीर ने शिवराज का किया गुणगान

'घाटी में रोज हो रहीं आतंकवाद की घटनाएं'

उन्होंने कहा, 'अमित शाह जी, जवाहरलाल नेहरू के बारे में कितना भी बोलें लेकिन तथ्य यह है कि कश्मीर घाटी नेहरू की वजह से भारत के साथ है, जिन्हें शेख अब्दुल्ला पर भरोसा था.' साल 2019 में सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के कदम पर सिंह ने कहा कि इसके 90 प्रतिशत प्रावधान पहले से ही धीरे-धीरे भारतीय संविधान में आत्मसात हो गए थे और जब इसे निरस्त किया गया था तो शायद ही कुछ बचा था. उन्होंने कहा कि घाटी में रोजाना आतंकवाद की घटनाएं होती हैं.

यह भी पढ़ें : Mohan Yadav: रामचरितमानस को बना चुके हैं सिलेबस का हिस्सा, होने वाले CM को कितना जानते हैं आप?

'विस्थापित लोगों के लिए आरक्षण के पक्ष में लेकिन...'

जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर सिंह ने कहा कि वह विस्थापित लोगों के लिए आरक्षण के पक्ष में हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि वहां के स्थानीय लोगों के लिए वर्तमान आरक्षण को कम करने के बाद कहीं यह आरक्षण तो प्रदान किया जाएगा. सिंह ने आगे आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'ठेकेदार बाहर से आ रहे हैं. स्थानीय लोगों के पास कोई अधिकार नहीं है.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Agnipath Yojana: सीएम विष्णु देव साय का ऐलान, अग्निविरों को नौकरी में आरक्षण देगी छत्तीसगढ़ सरकार
सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 'संवेदनशील' मामले को 'बहुत असंवेदनशील' तरीके से संभाला: दिग्विजय सिंह
Lok Sabha election Investigation has started in the MP Chhattisgarh and other states where Congress defeat, Mallikarjun Kharge formed committee
Next Article
MP-CG सहित जहां मिली कांग्रेस को करारी, वहां की पड़ताल शुरु, खरगे ने इतनी कमेटी गठित की
Close
;