Delhi Bomb Blast History: सोमवार 10 नवंबर 2025 को राजधानी दिल्ली एक बार फिर बम धमाके से कांप उठी. लाल किले के पास हुए इस विस्फोट ने एक बार फिर लोगों के दिलों में पुराने जख्म ताजा कर दिए. धमाका इतना जोरदार था कि आसपास की कारों के शीशे टूट गए और कई वाहनों में आग लग गई. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 8 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस, फॉरेंसिक और बम निरोधक दस्ता मौके पर जांच में जुटा है.
मेट्रो स्टेशन के पास हुआ विस्फोट
घटना लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुई. बताया जा रहा है कि एक कार में धमाका हुआ, जिसके बाद तीन से चार गाड़ियों में आग लग गई. मौके पर दमकल की सात गाड़ियां भेजी गईं और आग पर काबू पाया गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और फॉरेंसिक टीम ने इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है. धमाके के बाद दिल्ली समेत मुंबई, यूपी और हरियाणा में हाई अलर्ट जारी किया है.
दिल्ली और धमाकों का पुराना रिश्ता
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में धमाके की आवाज सुनाई दी हो. पिछले 29 सालों में राजधानी ने कई दर्दनाक घटनाओं का सामना किया है. इन धमाकों ने न केवल बेगुनाह जिंदगियां छीनीं, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. नीचे जानिए कब-कब दिल्ली दहली...
- लाजपत नगर धमाका – 1996
25 मई 1996 को लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में हुए धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए थे.
- सदर बाजार धमाका – 1997
1 अक्टूबर 1997 को सदर बाजार के पास दो धमाके हुए, जिनमें करीब 30 लोग घायल हुए.
- अक्टूबर 1997 के सिलसिलेवार धमाके
10 अक्टूबर 1997 को शांतिवन, कौड़िया पुल और किंग्सवे कैंप इलाके में तीन विस्फोट हुए. इसमें 1 व्यक्ति की मौत और 16 से ज्यादा लोग घायल हुए.
इसके बाद 18 अक्टूबर को रानी बाग मार्केट में जुड़वां धमाके हुए, जिनमें 1 की मृत्यु और 23 लोग घायल हुए.
26 अक्टूबर को करोल बाग मार्केट में दो विस्फोट हुए, जिनमें 1 व्यक्ति की जान गई और 34 लोग घायल हुए.
- रेड फोर्ट और बस विस्फोट– 1997
30 नवंबर 1997 को रेड फोर्ट क्षेत्र में दो धमाके हुए, जिनमें 3 लोगों की मौत और 70 घायल हुए.
30 दिसंबर 1997 को पंजाबी बाग के पास बस में विस्फोट हुआ, जिसमें 4 लोग मारे गए और लगभग 30 घायल हुए.
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- 2000 में एक के बाद एक धमाके
27 फरवरी 2000 को पहाड़गंज में विस्फोट हुआ, जिसमें 8 लोग घायल हुए.
16 मार्च को सदर बाजार में धमाका हुआ, जिसमें 7 लोग घायल हुए.
18 जून 2000 को रेड फोर्ट के पास दो शक्तिशाली विस्फोट हुए, जिनमें 2 लोगों की मौत और कई घायल हुए.
- 2005 – सिनेमा हॉल से लेकर बाजार तक धमाके
22 मई 2005 को लिबर्टी और सत्यं सिनेमा हॉल में हुए दो धमाकों में 1 व्यक्ति की मौत और 60 लोग घायल हुए.
फिर 29 अक्तूबर 2005 को सारोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में एक साथ तीन धमाके हुए, जिनमें 59 से अधिक लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए. यह दिल्ली के इतिहास का सबसे भयावह हमला माना जाता है.
- जामा मस्जिद धमाका – 2006
14 अप्रैल 2006 को जामा मस्जिद परिसर में दो धमाके हुए. इन धमाकों में कम से कम 14 लोग घायल हुए थे.
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- 2008 के सिलसिलेवार धमाके
13 सितंबर 2008 को करोल बाग (गफ्फार मार्केट), कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश-I में पांच समन्वित धमाके हुए. इन धमाकों में 20 से 30 लोग मारे गए और 90 से अधिक घायल हुए.
कुछ ही दिनों बाद, 27 सितंबर को मेहरौली के फ्लावर मार्केट (सराय) में धमाका हुआ, जिसमें 3 लोगों की मौत और 23 घायल हुए.
हाई कोर्ट पार्किंग धमाका – 2011
25 मई 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट पार्किंग में धमाका हुआ. हालांकि इस बार कोई जान नहीं गई, लेकिन यह घटना फिर से सुरक्षा तंत्र पर सवाल उठाने के लिए काफी थी.