छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की घोषणा के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा है कि संविदा कर्मियों की सेवा को नियमित करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के बजाय कांग्रेस सरकार उन्हें 'झुनझुना' थमा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में आज राज्य के 37 हजार संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की. बघेल ने इसके साथ ही राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में भी चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने बघेल के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भूपेश सरकार ने पिछले पौने पांच साल केवल घोटाले और प्रदेशवासियों का शोषण करने में बीता दिया और अब चुनाव पास देखकर भी अपने वादों को पूरा करने के बजाय जनता को झुनझुना पकड़ाने का प्रयास कर रही है.
सिंह ने कहा, ‘‘पांच साल से पांच लाख कर्मचारी इंतज़ार कर रहे हैं. महंगाई भत्ता तो बढ़ा दिया पर उनके एरियर का भुगतान कब होगा?'' पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया है, ‘‘पौने पांच साल बाद संविदा कर्मियों को 27 प्रतिशत का झुनझुना पकड़ा दिया है, उनका नियमितिकरण कब होगा?, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी उसका क्या हुआ?''
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के संविदा कर्मचारी 10 जुलाई से नया रायपुर के तूता गांव में धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सत्ताधारी दल से अपना चुनावी वादा पूरा करने की मांग कर रहे हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पिछले दिनों विरोध स्थल का दौरा कर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया था. साव ने कहा था कि उनकी पार्टी अपने घोषणा पत्र में नियमितीकरण की मांग को शामिल करेगी और वादे के मुताबिक कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाएगा.
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