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Lal Qila Speech: 'ये देश न्यूक्लियर बम की धमकी से डरने वाला नहीं है', लाल किले की प्राचीर से बोले PM मोदी

79th Independence Day Speech: आजादी के 79वें वर्षगांठ पर लाल किले पर 12वीं ध्वजारोहण कर प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रच दिया. देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन मातृभूमि के प्रति प्रेम और गर्व का प्रतीक है. यह आजादी देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद दिलाती है.

Lal Qila Speech: 'ये देश न्यूक्लियर बम की धमकी से डरने वाला नहीं है', लाल किले की प्राचीर से बोले PM मोदी
PM Warns to Pakistan for threat of nuclear bomb in Lal Quila speech

Independence Day 2025 : भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर में सेना के जवानों साहस और शौर्य की चर्चा करते हुए कहा कि सेना ने पहलगाम में धर्म पूछकर गोली चलाने वाले आंतकियों को मिट्टी में मिला दिया. पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत न्यूक्लियर बम की धमकी से डरने वाला नहीं हैं. हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है. आतंक के ताकत देने वालों को अब हम अलग अलग नहीं मानेंगे.

आजादी के 79वें वर्षगांठ पर लाल किले पर 12वीं ध्वजारोहण कर प्रधानमंत्री मोदी ने इतिहास रच दिया. देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन मातृभूमि के प्रति प्रेम और गर्व का प्रतीक है. यह आजादी देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद दिलाती है.

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प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर सेना के अदम्य साहस और शौर्य को सराहा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, आज लालकिले के प्राचीर से मुझे ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है. हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उसकी कल्पना से परे सजा दी है. पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया. धर्म पूछकर लोगों को मारा गया. पत्नी के सामने पति को गोलियां दीं. बच्चों के सामने पिता को मौत के घाट उतारा गया. पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था.

सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में वह करके दिखाया, जो कई दशकों तक नहीं हुआ

प्रधानमंत्री ने कहा कि, पहलगाम में जो कुछ हुआ, उससे पूरा विश्व भी चौंक गया था. ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है. 22 तारीख के बाद हमने सेना को खुली छूट दे दी थी. सेना ने वह करके दिखाया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था. सेना सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिला दिया.आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया. पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है. तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.

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प्रधानमंत्री ने सिंधु नदी समझौते को एकतरफा और अन्नायपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह ऐसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है. सिंधु नदी के पानी पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है.

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हमने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम सहने वाले नहीं 

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है. आतंक के ताकत देने वालों को अब हम अलग अलग नहीं मानेंगे. वह मानवता के समान दुश्मन हैं. उनमें कोई फर्क नहीं है. अब भारत ने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम सहने वाले नहीं हैं. न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आया, वह नहीं चलेगा. आगे भी अगर दुश्मनों ने यह कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी, उस पर हम अमल में लाकर रहने वाले हैं. हम मुंहतोड़ जवाब देंगे.

पीएम बोले, भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी, एक साथ नहीं बहेगा

पाकिस्तान के सिंधू नदी समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि,  भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी, एक साथ नहीं बहेगा. अब देशवासियों को भलि भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता इतना एकतरफा और अन्यायपूर्ण है कि भारत से निकलती नदी का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है, जबकि मेरे देश के किसान और धरती प्यासी है.

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प्रधानमंत्रीने कहा, हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है. आतंक के ताकत देने वालों को अब हम अलग अलग नहीं मानेंगे. वह मानवता के समान दुश्मन हैं.अब भारत ने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम सहने वाले नहीं हैं. न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आया, वह नहीं चलेगा.

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सिंधु समझौता अन्यायपूर्ण है, नदी का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु नदी समझौते को एकतरफा और अन्नायपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह ऐसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है. सिंधु नदी के पानी पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है. भारत के कतई सिंधु समझौते के स्वरूप को नहीं सहेगा. किसान हित और राष्ट्र हित में यह समझौता हमें मंजूर नहीं है.

पीएम ने की आत्मनिर्भर भारत की बात, बोले- गुलामी ने हमें निर्भर बना दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करते हुए कहा कि गुलामी ने हमें निर्भर बना दिया. औरों पर हमारी निर्भरता बढ़ती रही. हम सब जानते हैं,आजादी के बाद कोटि-कोटि जनों का पेट भरना बड़ी चुनौती थी. लेकिन यही वे किसान हैं, जिन्होंने खून पसीना एक कर देश के अनाज के भंडार भर दिया. देश को आत्मनिर्भर बना दिया.

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आत्मनिर्भरता को सामर्थ्य से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका नाता सिर्फ आयात और निर्यात, रुपया, पैसा, पाउंड डॉलर तक नहीं है. आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा है. जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है, तो सामर्थ्य भी क्षीण होने लगता है.

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एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी आत्मनिर्भरता है

बकौम पीएम, एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी, आज भी इसकी आत्मनिर्भरता है. आत्मनिर्भरता को विकसित भारत का आधार बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिह्न लग जाता है. दुर्भाग्य तब बन जाता है, जब निर्भरता की आदत लग जाए. पता ही नहीं चला कि कब हम आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब निर्भर हो जाते हैं. यह आदत खतरे से खाली नहीं है.

जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है, तो सामर्थ्य भी क्षीण होने लगता है

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता को सामर्थ्य से जोड़ते हुए कहा कि आत्मनिर्भर होने के लिए हर पल जागरूक रहने की जरूरी है. आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात, रुपया, पैसा, पाउंड डॉलर तक नहीं है. इतना सीमित अर्थ उसका नहीं है. आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा है. जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है, तो सामर्थ्य भी क्षीण होने लगता है. इसलिए हमारे सामर्थ्य को बचाए और बनाए रखने लिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरूर है.

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एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्मनिर्भरता है. आत्मनिर्भरता को विकसित भारत का आधार बताते हुए पीएम ने कहा कि जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिह्न लग जाता है.

हम आत्मनिर्भर न होते तो क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी त्वरित गति से कर पाते

प्रधानमंत्री ने कहा कि, आत्मनिर्भर भारत के सामर्थ्य की झलक ऑपरेशन सिंदूर में देश ने देखा है. दुश्मन को पता ही नहीं चला कि यह कौन सा सामर्थ्य है जो पल भर में उनको नष्ट कर रहा है. अगर हम आत्मनिर्भर न हो पाते तो क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी त्वरित गति से कर पाते. कौन सप्लाई देगा, कौन नही देगा, इसकी चिंता बनी रहती. मेड इन इंडिया की कमान सेना के हाथ में थी, इसलिए यह संभवा हो पाया. डिफेंस में आत्मनिर्भरता का मिशन लेकर चले हैं.

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