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हार्वर्ड की रिसर्च में दावा: लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा 56 प्रतिशत ज्यादा

Health Research: हार्वर्ड के एक शोध में दावा किया गया है कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है.

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हार्वर्ड की रिसर्च में दावा: लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा 56 प्रतिशत ज्यादा
प्रतीकात्मक फोटो (इमेज क्रेडिट - IANS)

Research On Stroke: एक रिसर्च के मुताबिक लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा अधिक (Higher Risk of Stroke) होता है. जबकि कम समय तक अकेले रहने वालों में यह खतरा कम होता है. हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूएस (Harvard T.H. Chan School of Public Health US) के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में इस बात का दावा किया कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा 56 प्रतिशत अधिक हो सकता है. शोधकर्ताओं ने समय के साथ अकेलेपन में होने वाले चेंजेस और स्ट्रोक के जोखिम के बीच एक संबंध के बारे में जांच की, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई.

आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2023 में अकेलेपन को एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य खतरा (Global Health Threat) घोषित किया था. इससे होने वाली मृत्यु दर प्रतिदिन 15 सिगरेट पीने के बराबर है.

हार्वर्ड के रिसर्चर्स ने किया शोध

इससे पहले हुए कई शोधों में अकेलेपन को हृदय संबंधी बीमारियों के हाई रिस्क से जोड़ा गया था. वहीं अब हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूएस के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में दावा किया कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है. सोशल एंड बिहेवियरल साइंसेज डिपार्टमेंट के रिसर्च एसोसिएट और प्रमुख लेखक येनी सोह ने कहा, "शोध से पता चलता है कि स्ट्रोक के मामलों में अकेलापन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो पहले से ही दुनिया भर में लॉग टर्म डिसेबिलिटी और डेथ रेट के प्रमुख कारणों में से एक है."

इतने लोगों पर किया गया रिसर्च

इक्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित यह शोध 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के 8,936 प्रतिभागियों पर किया गया. इस शोध में उन लोगों को शामिल किया गया, जिन्होंने जीवन में कभी भी स्ट्रोक का सामना नहीं किया था. रिसर्च के परिणामों से यह पता चला कि कम समय के लिए अकेले रहने वाले प्रतिभागियों में स्ट्रोक का जोखिम 25 प्रतिशत अधिक था. हालांकि, जो लोग कम समय के लिए अकेले रहते हैं उनकी तुलना में लंबे समय से अकेले रहने वाले लोगों में यह खतरा 56 प्रतिशत अधिक था.

रिसर्च में एक समय में अकेलेपन का अनुभव करने वाले लोगों में स्ट्रोक का जोखिम अधिक था, और जिन लोगों ने कम या हाल ही में अकेलेपन का अनुभव किया, उनमें स्ट्रोक के जोखिम का कोई क्लियर पैटर्न नजर नहीं आया. इस रिसर्च को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि स्ट्रोक के जोखिम पर अकेलेपन का प्रभाव लॉन्ग टर्म में होता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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