सुबह जल्दी उठना कठिन हो सकता है, क्योंकि आजकल लोगों की लाइफस्टाइल इतनी बिगड़ चुकी है कि न तो सोने का कोई फिक्स टाइम है और न ही उठने का. कहा जाता है कि जल्दी जागने से और जल्दी सोने से स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं, जिनमें बेहतर एकाग्रता, नींद की बेहतर क्वालिटी, लंबे समय तक चलने वाली एनर्जी, प्रोडक्टिविटी और बहुत कुछ शामिल हैं. बहुत से लोगों का टाइम टेबल बिगड़ा हुआ है जिसका सेहत पर भी असर पड़ता है. यहां हम रात को सोने का और सुबह उठने का सही टाइम और पूरा शेड्यूल बता रहे हैं जिसे आपको फॉलो करना चाहिए.
रात में कब सोएं और सुबह का जागें | When To Sleep, When To Wake Up
अक्सर हमें रात में जल्दी सोने और फिर सुबह जल्दी उठने की सलाह दी जाती है. हमारे सोने और जागने के पैटर्न से हमारी बायोलॉजिकल बॉडी नेचर के हिसाब से काम करती है. हमारे सोने का समय बॉडी क्लॉक के हिसाब से तय होता है. साथ ही हमारी उम्र के हिसाब से भी सोने और उठने का समय तय करने में मदद मिलती है. हर किसी को रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. बिजी लाइफस्टाइल होने पर भी सभी लोगों को सुबह 6 बजे तक उठ जाना चाहिए और रात में करीब 11 बजे के आसपास सो जाना चाहिए.
उम्र के हिसाब से कितनी नींद जरूरी?
करीब 3 से 12 महीने तक के बच्चों को 12 से 16 घंटे तक की नींद जरूर लेनी चाहिए. वहीं 1 से लेकर 5 साल तक की उम्र के बच्चों को कम से कम 10 से लेकर 13 घंटे, 9 से 18 साल तक के लोगों को करीब 8 से 10 घंटे तक की नींद और 18 से लेकर 60 साल तक के लोगों को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है.
कम सोने के नुकसान:
कम सोने की वजह से थकान महसूस होना आम है. नींद पूरी न होने की वजह से अक्सर लोगों को चिड़चिड़ापन, भूलने की बीमारी और यहां तक कि डिप्रेशन की समस्याएं महसूस हो सकती है. इसके साथ ही हाई बीपी, हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.