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सरकारी स्‍कूल में पीने का पानी नहीं! आधा किलोमीटर दूर जाने को मजबूर बच्‍चे

Sakti News: पानी पीने के लिए बच्चों को स्कूल से आधा किलोमीटर दूर हैंडपंप पर जाना पड़ता है. बच्चे जान को जोखिम में डालकर मेन रोड को क्रॉस कर गांव में पानी पीने जाते हैं.

सरकारी स्‍कूल में पीने का पानी नहीं! आधा किलोमीटर दूर जाने को मजबूर बच्‍चे

सरकारी स्‍कूलों में पढ़ाई या मिड डे मील के निम्‍न स्‍तर की तस्‍वीरें आए दिन सामने आती हैं, लेकिन अब छत्तीसगढ़ के एक स्‍कूल से ऐसी तस्‍वीरें आई हैं, जहां बच्‍चों के पीने के पानी की भी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है. छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले के जैजैपुर विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक, आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला में पिछले कई सालों से पीने के पानी की समस्या है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है. पानी की किल्लत के चलते बच्चे, शिक्षक और मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोई को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्हें पानी के लिए स्कूल से आधा किलोमीटर दूर हैंडपंप पर जाना पड़ता है. 

पानी के लिए स्कूल परिसर से 500 मीटर दूर जाते हैं बच्चे

दरअसल, सक्ति जिले के जैजैपुर विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक, आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला तीनों एक ही जगह संचालित है. उसके बावजूद भी एक भी हैंड पंप स्कूल के अंदर नहीं है, जिसके चलते बच्चों को पानी पीने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला और आंगनवाड़ी के छोटे छोटे बच्चे पेय जल संकट के गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. इन बच्चों को पानी पीने के लिए 500 मीटर दूर जाना पड़ता है. इतना ही नहीं बच्चे अपने जान को जोखिम में डालकर मेन रोड से होते हुए पानी के लिए जाते हैं.

सक्ति मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत भातमाहुल का प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला और आंगनवाड़ी केंद्र के छोटे छोटे बच्चे पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं.

जान को जोखिम में डालकर पानी पीने जाते हैं बच्चे

विद्यालय की प्रधान पाठक और बच्चों ने बताया कि शाला परिसर में बहुत दिनों से सोलर पैनल से चलने वाला हैंड पंप खराब होकर कबाड़ में तब्दील हो चुका है. शाला परिसर में हैंड पंप नहीं है, जिसके चलते बच्चों को पानी पीने और दोपहर में मध्याह्न भोजन करने के बाद थाली धोने के लिए 500 मीटर दूर गांव के हैंड पंप पर जाना पड़ता है. बच्चे मेन रोड से गुजरते हुए गांव के हैंड पंप पर जाते हैं, जिससे हमेशा खतरा बना रहता है. 

सरपंच पर लगा गंभीर आरोप

स्कूल के अध्यक्ष शोभित चंद्रा ने सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि पांच साल पहले स्कूल परिसर में दो बोर का खनन किया था और दोनों में हैंड पंप लगाया गया, लेकिन सरपंच ने दोनों हैंड पंप को निकालकर दूसरे जगह स्थानांतरित कर दिए हैं, जिसके चलते छोटे छोटे बच्चों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. 

अब सरपंच के खिलाफ होगी कार्रवाई

हालांकि अब इस मामले में कलेक्टर ने संज्ञान में लेते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के डीओ से बात कर स्कूल परिसर में हैंड पंप लगाया जाएगा. वहीं स्कूल परिसर के अंदर बोर में हैंड पंप लगा हुआ था. इसे जिसने भी फेर बदल किया है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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