
Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और धमतरी बॉर्डर पर घने गोबरा जंगलों में सुरक्षाबलों को रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी. बीती रात से चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान 4 कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से दो महिला और दो पुरुष नक्सली शामिल हैं. सरेंडर करने वालों पर कुल 19 लाख 50 हजार का इनाम घोषित था.
इन चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
1. दीपक उर्फ भीमा मंडावी 8 लाख लाख रुपये का इनाम था. वह सुकमा का रहने वाला है. वह 2008 में चेतना नाट्य मंडली से नक्सल संगठन से जुड़ा था. धीरे-धीरे एसीएम से डीव्हीसीएम तक पहुंचा. वह गरियाबंद और धमतरी जिलों में 25 से ज्यादा वारदातों में शामिल था.
2. कैलाश उर्फ भीमा भोगम पर 5 लाख रुपये का इनाम था. वह सुकमा के सीमिलपेंटा का रहने वाला है. भोगम सिर्फ 10 साल की उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ा था. वह मोदेम बालाकृष्णन उर्फ मनोज की प्रोटेक्शन टीम का कमांडर रह चुका है.
3. रनिता उर्फ पायकी पर 5 लाख रुपये का इनाम है. वह बीजापुर की रहने वाली है. वह 2016 में नक्सल संगठन से जुड़ी थी. वह कई राज्यों में संगठन की गतिविधियों में शामिल रही हैं. हाल ही में एसीएम के पद पर पदोन्नत हुई थी.
4. सुजीता उर्फ उर्रे कारम पर 1 लाख रुपये का इनाम था. वह लंबे समय से संगठन की महिला विंग से जुड़ी हुई थी.

नक्सलियों के बताए ठिकानों से बरामद हथियार और कैश.
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सर्चिंग के दौरान भारी मात्रा में हथियार और कैश बरामद
इसके अलावा जंगल में सर्चिंग के दौरान निकली सुरक्षा बलों की टीम को नक्सलियों का डंप भी बरामद हुआ, जहां बड़ी मात्रा में हथियार और नकदी छुपाई गई थी. सुरक्षाबलों ने मौके पर खुदाई की, तो 16 लाख 50 हजार रुपये नकद, ग्रेनेड, 7 बीजीएल लांचर, डेटोनेटर, नक्सली वर्दी, लैपटॉप और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए.
जंगल में हुई मुठभेड़ की कहानी
जानकारी के मुताबिक, 16-17 अगस्त की दरम्यानी रात सुरक्षाबलों ने गोबरा जंगल में LUP (लॉन्ग टर्म ऑपरेशन) लगाया था. सुबह करीब 5:15 बजे पुलिस पार्टी पर घात लगाकर छिपे नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जवानों ने पेड़ और चट्टानों का सहारा लेकर जवाबी कार्रवाई की. कुछ देर की जबरदस्त फायरिंग के बाद नक्सली जंगल में भाग निकले. इसके बाद चारों हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर का फैसला किया.
अफसरों का बयान
इस बड़ी सफलता पर रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा और नक्सल ऑपरेशन एडीजी अंकित गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा सरेंडर नीति और सुरक्षा बलों की लगातार अपील का असर है कि हार्डकोर नक्सली भी अब हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौट रहे हैं. यह अभियान नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है. वहीं, गरियाबंद एसपी निखिल रखेचा ने बताया कि नक्सलियों की योजना पुलिस पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाने की थी, लेकिन जवानों की सतर्कता से उनकी साजिश नाकाम हुई.
आगे की रणनीति
फिलहाल, जंगलों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. सुरक्षा बलों को अंदेशा है कि आसपास और भी हथियार व विस्फोटक छिपाए गए हो सकते हैं. इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
बड़ी सफलता क्यों?
दो महिला और दो पुरुष समेत 19.5 लाख के इनामी नक्सलियों के सरेंडर से सुरक्षाबलों को बड़ी जानकारी हाथ लगी है. मुख्यधारा में लौटे इन नक्सलियों की निशानदेही पर लाखों की नकदी और भारी हथियार भी बरामद हुए हैं. इसके साथ ही गरियाबंद-धमतरी बॉर्डर पर नक्सलियों की पकड़ कमजोर हो गई है.