Naxal operation: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के अभियान में जहां बड़ी संख्या नक्सली और उनके नेता मारे जा चुके हैं. वहीं, अब जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में नक्सलियों के बटालियन हथियार डालकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं. हालांकि, इस बीच नक्सल प्रभावित इलाके में जगह-जगह खोले जा रहे सुरक्षाबलों के कैंप खोले जा रहे हैं. हालांकि, अब इसका लोगों ने विरोध भी शुरू कर दिया है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के रेंगानार गांव में सीआरपीएफ 111 बटालियन का हेड क्वार्टर बनाने के लिए गांव में 29 हेक्टेयर जमीन प्रशासन तलाश रही है. इस बीच गांव वालों ने सीआरपीएफ हेडक्वार्टर के लिए गांव में जमीन नहीं देने के लिए बैठक कर नाराजगी जाहिर की. इस बैठक में मसेनार, रेंगानार और गढ़मिरी पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण बैठक में शामिल हुए, ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन में हम वर्षो से खेती-किसानी करते हैं, जहां हम देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं. उस जमीन को हम लोगों से छीनने की कोशिश की जा रही है. अगर यहां सीआरपीएफ हेडक्वार्टर जबरन प्रशासन बनाने का प्रयास करेगा, तो आंदोलन करेंगे, जान दे देंगे पर जमीन नहीं देंगे.
दरअसल, प्रशासन ने 6 खसरा नम्बर 158 से 163 तक 27.76 हेक्टेयर जमीन पर सीआरपीएफ 111 बटालियन के हेड क्वार्टर को दंतेवाड़ा कारली से रेंगानार गांव में सड़क किनारे शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, इनमें से 160, 161 और 163 तीन खसरे की जमीन निजी स्वामित्व की जमीन है. वहीं, शेष जमीन पर भी ग्रामीण कृषि कार्य करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब क्षेत्र में नक्सल समस्या खत्म होने की कगार पर है, तो सीआरपीएफ के कैंप को स्थायित्व जगह हमारे गांव में देने का क्या औचित्य है.
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