विज्ञापन

Chhattisgarh : इस जिले में ये स्कूल बनी गौशाला! नाराज छात्र पेरेंट्स को लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट

CG News: ये स्कूल है या गौशाला! तस्वीर देखकर आप भी थोड़ा हैरान हो गए होंगे. लेकिन बता दें, ये बेमेतरा जिले का एक सरकारी स्कूल है. यहां पिछले तीन सालों से स्कूल के लिए भवन की मांग की जा रही है, पर जब किसी ने नहीं सुना तो बच्चे समूह में बारिश में भीगते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच गए.

Chhattisgarh : इस जिले में ये स्कूल बनी गौशाला! नाराज छात्र पेरेंट्स को लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट
Chhattisgarh के इस जिले में ये स्कूल बनी गौशाला! नाराज छात्र पेरेंट्स को लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट.

CG News In Hindi:  छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों का हाल बया करने वाली ये तस्वीर है, बेमेतरा के एक सरकारी स्कूल की. जहां स्कूल देखने में गौशाला जैसे लग रही है, स्कूल के जिन कमरों में छात्रों को पढ़ना चाहिए, वहां गोवंश का डेरा है. 

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में स्कूली बच्चों ने भवन की मांग को लेकर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट का रुख किया. पूरा मामला बेरला ब्लॉक के ग्राम खमरिया (आर ) का है. जहां स्कूल भवन जर्जर है, जिसके चलते स्कूली बच्चों को दो पालियों में पढ़ाया जाता है.यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण स्कूल भवन में गोवंश का डेरा है.

अतिरिक्त कक्ष देने की मांग

स्कूल में महज तीन कमरों में बच्चों की पढ़ाई होती है, जिसके चलते बच्चे परेशान हैं.उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इस मामले को लेकर कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच भगवती साहू ने परिजनों से साथ जिला शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन से गुहार लगाई थी. लेकिन कोई सुनवाई नहीं गई. इसके बाद सरपंच और स्कूली छात्र अपने अभिभावकों के साथ सोमवार को मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए. इस बीच छात्रों ने अतिरिक्त कक्ष देने की गुहार लगाई.

दो पालियों में चल रही स्कूल

खमरिया (आर)गांव में पूर्व माध्यमिक तक की शिक्षा की व्यवस्था है, जिसमें प्राथमिक स्कूल में 86 छात्र-छात्रा हैं. वहीं, पूर्व माध्यमिक में 49 छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं. प्राथमिक स्कूल में तो बैठने के लिए एक भी क्लास रूम नहीं है, जिसके चलते पूर्व माध्यमिक विद्यालय के तीन कमरों में दो पालियों में स्कूल चल रहा है. छात्र भावेश सेन ने बताया कि दो पालियों में स्कूल लगने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है.  छात्रा मानवी साहू ने कहा, "समय पर होमवर्क नहीं हो पा रहा. न ही उन्हें खेलने के लिए समय मिल पा रहा"

तीन साल से हो रही मांग

खमरिया (आर) के शासकीय प्राथमिक शाला के जन भागीदारी के अध्यक्ष प्रवीण साहू ने बताया कि भवन को लेकर पिछले तीन सालों में सभी अधिकारियों को लिखित में अवगत करा चुके हैं. कई बार नेताओं और अधिकारियों के चौखट में भी जाकर गुहार लगा चुके हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई. अब मजबूरी में हमें बच्चों को कलेक्टर लेकर आना पड़ा.

ये भी पढ़ें- Kawar Yatra Name Plate: यूपी-उत्तराखंड सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, MP को नोटिस

मरम्मत के लिए राशि हुई थी स्वीकृति

बेरला विकासखंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश करमाकर ने बताया कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत खमरिया स्कूल के लिए भी 82 हजार रुपये मरम्मत के लिए स्वीकृत किए गए थे. लेकिन राशि कम होने की वजह से आरईएस विभाग की ओर से रिवाइज स्टीमेट बनाकर राज्य शासन को भेजा गया. स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. डिस्मेंटल करने के लिए जिला प्रशासन को प्रतिवेदन भेज दिया गया. 

ये भी पढ़ें- MP में दबंगों की ज्यादती से परेशान एक परिवार ने धर्म बदलने की दी धमकी, ये बताई पूरी घटना

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
Train Cancelled: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! बिलासपुर रेल मंडल से होकर गुजरने वाली इन ट्रेनों को किया गया रद्द, देखिए पूरी लिस्ट
Chhattisgarh : इस जिले में ये स्कूल बनी गौशाला! नाराज छात्र पेरेंट्स को लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट
Bastar Dussehra Kachandevi gave permission to celebrate sitting swing thorns
Next Article
Bastar Dussehra: कांटों के झूले पर बैठ काछनदेवी ने दी बस्तर दशहरा मनाने की अनुमति, जानें पूरी डिटेल 
Close