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This Article is From Sep 03, 2023

चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में वजीफा प्रावधान रद्द, 38000 सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस कदम से लगभग 38,000 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा होगा. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का यह कदम इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आया है.

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चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में वजीफा प्रावधान रद्द, 38000 सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
छत्तीसगढ़ सरकार ने रद्द किया वजीफा प्रावधान
रायपुर:

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने वह वजीफा (स्टाइपेंड) प्रावधान रद्द कर दिया है, जिसके तहत सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति के चौथे वर्ष से पूरा वेतन मिलता था. यह जानकारी एक अधिकारी ने रविवार को दी. जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस कदम से लगभग 38,000 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को फायदा होगा. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का यह कदम इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आया है.

अधिकारी ने बताया कि शनिवार को राजीव युवा मितान सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वजीफा प्रावधान समाप्त करने की घोषणा की और इस संबंध में एक निर्णय को बाद में शाम को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी. वर्ष 2020 में लागू हुए वजीफा नियम के तहत, सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पहले, दूसरे और परिवीक्षा अवधि के तीसरे वर्ष मूल वेतनमान का क्रमश: 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत और 90 प्रतिशत का वजीफा मिलने का प्रावधान किया गया था.

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नियुक्ति के चौथे साल से मिलता था वेतन
अधिकारी ने कहा कि नियमानुसार, नियुक्ति के चौथे साल से पूरा वेतन दिया जाता था. उन्होंने कहा कि पहले परिवीक्षा अवधि दो साल की थी, लेकिन कर्मचारियों को नियुक्ति के पहले महीने से पूरा वेतन मिलता था. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने जुलाई 2020 में कोविड-19 अवधि के दौरान भर्ती नियम में संशोधित किया, जिसमें महामारी को रोकने और कुशल वित्तीय प्रबंधन और प्रशासनिक दृष्टिकोण से भविष्य की नियुक्तियों में वेतन लागत को कम करने के प्रयासों में अधिक वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता का हवाला दिया गया.

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चुनाव को देखते हुए अहम फैसला
इसके बाद सरकार ने कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी और चौथे साल से उन्हें पूरा वेतन देने का फैसला किया. सीधी भर्ती प्रक्रिया से नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पहले वर्ष में मूल वेतनमान का 70 प्रतिशत वजीफा मिलता था, जो दूसरे वर्ष में बढ़कर 80 प्रतिशत और तीसरे वर्ष में 90 प्रतिशत हो जाता था. रायपुर स्थित एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि वजीफा नियम आगामी विधानसभा चुनावों में एक मुद्दा बन सकता था और चुनाव से पहले कर्मचारियों और उनके परिवारों को लुभाने के लिए इसे समाप्त करने का कदम महत्वपूर्ण लगता है.

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