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वाह रे सिस्टम ! जानवरों की प्यास बुझाने के लिए बने तालाब में भी भ्रष्टाचार

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ के MCB जिले से भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है. जहां जंगली जानवरों को गर्मी के सितम से बचाने के लिए तालाब बनवाया गया था...लेकिन उसमें भी भ्रष्टाचार हो गया. अब आलम ऐसा है कि पहली बरसात में ये तालाब बह गया.

वाह रे सिस्टम ! जानवरों की प्यास बुझाने के लिए बने तालाब में भी भ्रष्टाचार
वाह रे सिस्टम ! जानवरों की प्यास बुझाने के लिए बने तालाब में भी भ्रष्टाचार

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के MCB जिले के मनेन्द्रगढ़ वन मंडल में वन्य प्राणियों के लिए जंगल में पानी की व्यवस्था की गई थी. इसके लिए कुंवारपुर वन के कुदरा बिट में जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए एक जलाशय बनाया गया था... लेकिन जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उठाया गया ये कदम अब विफल साबित होता नज़र आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस जलाशय ने पहले ही बारिश में दम तोड़ दिया. जंगल में वन्य प्राणियों को पानी के लिए भटकना न पड़े और जंगल को छोड़कर राहयाशी इलाकों की ओर रुख न करना पड़े, इसलिए वन विभाग ने 25 लाख की लागत से जंगल में तालाब का निर्माण कराया था, लेकिन वन विभाग का तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

पहली बारिश भी नहीं झेल सका तालाब

आपको बता दें कि वन मंडल मनेंद्रगढ़ के कुंवारपुर में इन दिनों अधिकारी भ्रष्टाचार के नित नए अध्याय लिख रहे हैं. जहां कुदरा बीट इलाके में गर्मी के मौसम में जानवरों के पानी पीने के लिए तालाब का निर्माण कराया गया था जो पहली बारिश में ही बह गया. गांव वालों का आरोप है कि वन्य प्राणियों के लिए सरकारी राशि से घटिया काम कर राशि को गबन किया गया है.

लोगों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

लोगों का कहना है कि पहले कंस्ट्रक्शन काम की जानकारी देने के लिए कंस्ट्रक्शन से जुड़ा एक बोर्ड उस जगह पर लगाना जरूरी होता था लेकिन वन विभाग की तरफ से कोई भी कंस्ट्रक्शन कार्यों की जानकारी के लिए बोर्ड नहीं लगाई जाती है. चाहे सड़क बनान हो..... या फिर रपटा, पुल-पुलिया या स्टाॅप डैम बनाना हो.

घटिया सामान से बना तालाब

मामले में गांव वासी रामनरेश यादव का कहना है कि दुलहीदाह में जलाशय बनाया गया था.... लेकिन वन्य प्राणियों के लिए बना तालाब व बांध नुमा जलाशय पहले ही बारिश में फूट कर बह गया. साथ ही गांव के लोगों का आरोप है कि कंस्ट्रक्शन में जिस क्वालिटी का सामान इस्तेमाल करना था वो नहीं किया गया.

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मामले में क्या बोले जिम्मेदार ?

इस बारे में वन विभाग के उप मंडल अधिकारी का कहना है कि ऐसा कुछ है तो उस जलाशय को सुधारा जाएगा. दोबारा से बनवा दिया जाएगा. अगर गड़बड़ी पाई गई तो उस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि अधिकारी ऐसा करने पर खुद फंस सकते हैं.

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