
Dantewada Naxal Encounter:छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को लगातार सफलता मिल रही है. सोमवार को भी सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक कुख्यात महिला नक्सली की मौत हो गई.मृत महिला की पहचान गुम्मडिवेली रेणुका उर्फ बानु उर्फ चाइते उर्फ सरस्वती उर्फ दमयंती के रूप में हुई है. ये एनकाउंटर इसलिए भी अहम है क्योंकि रेणुका उर्फ बानु पर 45 लाख का इनाम घोषित था और वो प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की दंडकारण्य विशेष ज़ोनल समिति यानी DKSZC की सदस्य और सेंट्रल रीजनल ब्यूरो (CRB) की प्रेस टीम इंचार्ज थी. रेणुका उर्फ बानु पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 लाख और तेलंगाना सरकार ने 20 लाख का इनाम घोषित कर रखा था.

दंतेवाड़ा में नक्सलियों से साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 25 लाख की इनामी महिला नक्सली रेणुका उर्फ बानु को ढेर कर दिया.
पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव रॉय के अनुसार, 30 मार्च को गीदम थाना क्षेत्र के नेलगोड़ा, इकेली और बेलनार गांव के जंगल-पहाड़ी क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर DRG, बस्तर फाइटर्स और अन्य बलों की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. 31 मार्च की सुबह करीब 9 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो लगभग 2 घंटे तक चली। मुठभेड़ के बाद मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान रेणुका के रूप में हुई.मुठभेड़ स्थल से INSAS राइफल, गोला-बारूद, लैपटॉप, माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई.

माओवादी आंदोलन में लंबा सफर
रेणुका मूल रूप से तेलंगाना राज्य के वारंगल जिले के कडवेंदी गांव की निवासी थी। कानून की पढ़ाई (LLB) कर चुकी रेणुका ने 1996 में नक्सली संगठन से जुड़कर आंध्र प्रदेश में SZCM कृष्ण अन्ना के साथ काम किया. 2003 में DVCM बनी और 2006 में CCM दुला दादा उर्फ आनंद के साथ दक्षिण बस्तर में सक्रिय हुई. 2013 में माड़ क्षेत्र पहुंची और SZCM रामन्ना के साथ काम किया.रामन्ना की कोविड से मौत के बाद 2020 में उसे सेंट्रल रीजनल ब्यूरो की प्रेस टीम इंचार्ज बनाया गया.रेणुका की निजी ज़िंदगी में भी माओवादी आंदोलन से जुड़ी रही. 2005 में उसका विवाह सेंट्रल कमेटी सदस्य शंकमूरी अप्पा राव उर्फ रवि से हुआ था, जो 2010 में आंध्र प्रदेश के नल्लमल्ला जंगल में मुठभेड़ में मारा गया. रेणुका का भाई गुडसा उसेंदी उर्फ जीवीके प्रसाद (DKSZCM) ने 2014 में तेलंगाना में आत्मसमर्पण किया था।
माओवादी संगठनों को बड़ा झटका
पिछले 15 महीनों में छत्तीसगढ़ में 8 बड़े नक्सली मारे गये हैं.जि समें जोगन्ना,कार्तिक,निधि,सागर,सुधीर उर्फ सुधाकर,जगदीश और अब रेणुका शामिल हैं.साल 2025 में अब तक 119 नक्सलियों के शव विभिन्न मुठभेड़ों के बाद बरामद हो चुके हैं, जो माओवादी संगठन के लिए बड़ा नुकसान है. IG सुंदरराज के मुताबिक सरकार की नीति और जनता की भावना के अनुरूप, पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में DRG,STF,बस्तर फाइटर्स, कोबरा, CRPF, BSF, ITBP, CAF सहित सभी बल बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास के लक्ष्य के लिए समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं. माओवादी संगठन के पास अब सिर्फ दो ही रास्ते हैं – आत्मसमर्पण या परिणाम झेलने की तैयारी.
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