विज्ञापन
This Article is From Feb 17, 2024

Chhattisgarh: बस्तर दशहरा सहित इन महोत्सवों के लिए बढ़ाई गई राशि, सरकार ने किया ये ऐलान

Chhattisgarh News: बस्तर में आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सरकार ने बस्तर दशहरा, चित्रकोट महोत्सव, रामाराम महोत्सव और गोंचा पर्व महोत्सव आयोजन की राशि को बढ़ाने की घोषणा की.

Chhattisgarh: बस्तर दशहरा सहित इन महोत्सवों के लिए बढ़ाई गई राशि, सरकार ने किया ये ऐलान

The amount spent on Bastar Dussehra has doubled: बस्तर की पुरातन आदिवासी संस्कृति को सहेजने के लिए सरकार ने एक बड़ा  तोहफा दिया है. विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के आयोजन के लिए अब 25 लाख  नहीं बल्कि 50 लाख रुपए सरकार देगी.  ताकि इसका भव्यता से आयोजन हो सके. इसके अलावा बस्तर के अलग-अलग जगहों में होने वाले आयोजन के लिए भी राशि बढ़ाने का ऐलान किया गया है. 

विश्व स्तर पर पहचान दिलाना हमारा मकसद

विधानसभा सत्र में छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कई घोषणाएं की हैं. इनमें बस्तर में होने वाले विभिन्न आयोजनों की राशि को बढ़ाने का भी ऐलान हुआ है. बृजमोहन ने विधानसभा में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के साथ ही उसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाना हमारा मकसद और संकल्प है.  आदिवासियों के हितों का संरक्षण और उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है। बस्तर की संस्कृति बहुत पुरातन और आदिवासी संस्कृति है जो आज भी अपने मूल स्वरूप में है। बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाला दशहरा विश्व प्रसिद्ध है. जहां रावण दहन नहीं होता है, बल्कि आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इस धरोहर को सहेज कर रखने के लिए विभाग ने बस्तर दशहरा के आयोजन के लिए हर साल 25 लाख की राशि को बढ़ाते हुए 50 लाख रुपए देने का निर्णय लिया है. 

ये भी पढ़ें छत्तीसगढ़ में 5000 पदों पर डॉक्टर और कर्मियों की होगी भर्ती, हेल्थ सेक्टर के लिए और भी कई घोषणाएं

इन महोत्सवों के लिए भी बढ़ी राशि 

 इसी प्रकार से चित्रकोट महोत्सव के लिए राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए, रामाराम महोत्सव के लिए 15 लाख रुपए और गोंचा पर्व के लिए  5 लाख रुपए किए जाने की घोषणा की गई है. संस्कृति मंत्री ने बताया कि इससे बस्तर की संस्कृति को जीवंत रखा जा सकेगा. आदिवासी समाज अपनी जीवन शैली और पहचान को बनाए रखें, आने वाले समय में बस्तर में नक्सलवाद सुनाई नहीं देगी. बल्कि वहां की संस्कृति, मांदर, ढोल की थाप गूंजेगी. उन्होंने कहा कि अगर हम आदिवासियों की मूल संस्कृति को जीवित रखेंगे तो कोई उनको भटका कर नक्सलवाद के गलत रास्ते नहीं ले जाएगा.

ये भी पढ़ें Chhattisgarh: मंदिर की TV में चल गया अश्लील वीडियो, नाराज श्रद्धालु पहुंचे थाने, जानिए क्या है मामला?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close