
Religious Conversion in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) में कथित मानव तस्करी और धर्मांतरण (Conversion) के आरोप में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद राज्य में धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासी बवाल जारी है. इसी बीच रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा (Purandar Mishra) ने जगन्नाथ सेना (Jagannath sena) का गठन किया है. विधायक पुरंदर ने ऐलान किया कि उनकी ये जगन्नाथ सेना उड़िया बस्तियों में धर्मांतरण रोकने का काम करेगी. हालांकि, अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी और बीजेपी नेताओं को राजनैतिक दिवालिया करार दिया है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी हमेशा से मुखर रही है. अब बीजेपी के विधायक पुरंदर मिश्रा ने धर्मांतरण रोकने के लिए बाकायदा जगन्नाथ सेना का गठन कर दिया है. बजरंग दल की तरह ही जगन्नाथ सेना भी काम करेगी. ये सेना प्रदेश की खासकर उड़िया बस्तियों में लोगों को जागरूक करने के साथ ही धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने का काम करेगी. गौरतलब है कि इससे पहले भी विधायक पुरंदर ने धर्मांतरण करने वालों को सबक सिखाने की बात कही थी. तब उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि सरकार राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून लाने जा रही है. ऐसे में भाजपा विधायक के ताजा कदम ये बता रहे हैं कि विधायक जी को अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं है.
बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्र ने ये दी सफाई
बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्र ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी उड़िया बस्तियों में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का काम हो रहा है. इसलिए जगन्नाथ सेना का गठन किया है, जो लोगों को जागरूक करने का काम करेगी. पुरंदर मिश्रा ने आगे कहा कि हमारी जगन्नाथ सेना का मकसद धर्मांतरण रोकना होगा, लेकिन कांग्रेस इसे प्रोपेगेंडा बता रही है.
कांग्रेस ने किया करारा हमला
वहीं, विधायक पुरंदर के फैसले पर कांग्रेस मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पुरंदर मिश्रा वही कर रहे हैं, जो भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र है. उत्तर विधानसभा में कहीं भी कोई भी विकास कार्य पुरंदर मिश्रा की ओर से नहीं कराया गया. राजधानी में सबसे ज्यादा जो बस्तियां बारिश में डूबती है, वह क्षेत्र उनका है. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मांतरण के नाम पर जगन्नाथ सेना बनाकर अपने राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. जब-जब भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनैतिक दिवालियापन से गुजरती है, तब तब बीजेपी के नेता इस तरह का काम करते हैं.
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले
- साल 2021-22 में धर्मांतरण को रायपुर जिले में 5, महासमुंद जिले में 10, धमतरी जिले में 1, दुर्ग जिले में 6, बालोद जिले में 1, सरगुजा जिले में 1, जशपुर जिले में 6, बस्तर जिले में 1 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 9 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- साल 2022-23 दुर्ग जिले में 1, जांजगीर-चांपा जिले में 2, कोरबा जिले में 6, बलरामपुर जिले में 2 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 3 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- साल 2023-24 में दुर्ग जिले में 1, बालोद जिले में 1, बिलासपुर जिले में 1, जांजगीर-चांपा जिले में 3, कोरबा जिले में 7, बलरामपुर जिले में 2, कोरिया जिले में 1 शिकायत प्राप्त हुई, जिनमें से 9 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- साल 2024-25 में धर्मांतरण को लेकर रायपुर जिले में 3, महासमुंद जिले में 1, दुर्ग जिले में 1, बालोद जिले में 3, कबीरधाम जिले में 1, बिलासपुर जिले में 8, जांजगीर-चांपा जिले में 5, कोरबा जिले में 7, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 2, बलरामपुर जिले में 10, सूरजपुर जिले में 1, दंतेवाड़ा जिले में 1 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 23 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध कर 1 प्रकरण में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई.
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