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जल संरक्षण में रायपुर देश में अव्वल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार से किया सम्मानित

राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 में रायपुर को देश में पहला स्थान मिला है, जहां राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने इसे Water Conservation India का मॉडल बताया. रायपुर ने Rainwater Harvesting, Groundwater Recharge और Smart Water Management के जरिए 33,082 से अधिक कार्य पूरे किए.

जल संरक्षण में रायपुर देश में अव्वल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार से किया सम्मानित

National Water Awards 2025: देश में जल संरक्षण की मिसाल बनने वाला रायपुर एक बार फिर चर्चा में है. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जब छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की, तो सबसे ऊपर रायपुर का नाम चमका. जल बचाने की दिशा में की गई मेहनत और जनभागीदारी ने न सिर्फ शहर, बल्कि जिले और राज्य तीनों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया.

रायपुर को मिला देश में पहला स्थान

नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचय–जनभागीदारी पुरस्कार वितरित किए. इस दौरान रायपुर नगर निगम को पूरे देश में पहला स्थान मिला, वहीं रायपुर जिला ईस्टर्न जोन में तीसरे स्थान पर रहा. राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ ने दूसरा स्थान हासिल किया. यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि रायपुर ने जल संरक्षण को गंभीरता से अपनाया और उसे जनआंदोलन का रूप दिया.

जल संरक्षण है सभ्यता की नींव- राष्ट्रपति 

समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि मानव सभ्यता हमेशा नदियों और जल स्रोतों के आसपास फलती-फूलती रही है. उन्होंने भारतीय परंपरा में जल को पूजनीय बताते हुए याद दिलाया कि हमारे राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का पहला शब्द “सुजलम्” ही बताता है कि हमारे देश में जल हमेशा प्राथमिकता रही है. उन्होंने यह भी कहा कि आज दुनिया के सामने जल संरक्षण एक बड़ी चुनौती है, खासकर ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन जल चक्र को प्रभावित कर रहा है. ऐसे में सरकार और जनता दोनों को मिलकर जल सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.

देशभर में बने 35 लाख से ज्यादा भूजल पुनर्भरण ढांचे

राष्ट्रपति ने बताया कि जल संचय–जनभागीदारी अभियान के तहत पूरे देश में 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाएं तैयार की गई हैं. उन्होंने उद्योगों द्वारा चक्रीय जल उपयोग, जल उपचार और पुनर्चक्रण अपनाने की सराहना की और कहा कि कई औद्योगिक इकाइयाँ आज शून्य द्रव उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंच चुकी हैं. यह प्रयास आने वाले वर्षों में जल संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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ऐतिहासिक कामयाबी के पीछे सामूहिक प्रयास

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में रायपुर जिले ने जल संरक्षण को लोगों की भागीदारी से मजबूत आंदोलन बनाया. पुरस्कार को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और नगर निगम आयुक्त विश्वदीप ने ग्रहण किया. रायपुर नगर निगम ने 33,082, रायपुर जिले ने 36,282 और छत्तीसगढ़ ने 4,05,563 जल संरक्षण कार्य पूरे किए. इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर, टॉप डैम, परकोलेशन टैंक और डिजिटल भूजल ट्रैकिंग जैसे आधुनिक उपाय शामिल रहे.

शहर में बढ़ी जल शोधन क्षमता 

रायपुर में 4 एसटीपी स्थापित किए गए, जिनकी कुल क्षमता 206 MLD है. इसके अलावा 9 औद्योगिक इकाइयों को 125.849 MLD शुद्ध जल उपलब्ध कराया गया. इससे न सिर्फ पानी का बेहतर उपयोग हुआ, बल्कि उद्योगों पर ताज़ा पानी के दबाव में भी कमी आई.

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हर नागरिक से जल बचाने की अपील

समारोह के अंत में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जल का सम्मान और संरक्षण सिर्फ सरकारी नीतियों का हिस्सा नहीं हो सकता, इसे जीवनशैली में शामिल करना हर नागरिक का दायित्व है. उन्होंने जल-जागरूकता को देश की जनचेतना का केंद्र बनाने की अपील की, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ भी सुरक्षित और पर्याप्त जल के साथ आगे बढ़ सकें.

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