Minor Forest Produce Managers Association: छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ अपनी मांगों को मनवाने के लिए आर-पार की लड़ाई के मूड में है. मांगों को लेकर संघ ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) से भी मुलाकात की. इसके बाद इन लोगों ने बताया कि 36 सालों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकारों ने कभी हमारी नहीं सुनी. ऐसे में 6 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इनकी हड़ताल अगर शुरू होती है, तो प्रदेश के करीब 52 लाख संग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा.
इसलिए नाराज है संघ
छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ के आह्वान पर प्रदेश के 902 प्रबंधकों की राजधानी रायपुर (Raipur) में बैठक हुई. 36 सालों से लंबित नियमितीकरण की मांग और वित्त विभाग से अनुमति मिलने के बाद भी प्रबंधकों को 7, 8, 9 ग्रेड पे नहीं मिलने से छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ ने नाराजगी जताई है. इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और एमडी से मुलाकात भी की और अपनी मांगों को रखा. लघु वनोपज संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामधर लहरे ने बताया कि प्रबंधक पिछले 36 सालों से 14 लाख लघु वनोपज संगठनकर्ता परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. जिनमें मुख्य रूप से तेंदूपत्ता संग्रहण, भुगतान, बोनस का वितरण, 14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 65 प्रकार के लघु वनोपज का न्यूनतम संग्रहण दर में संग्रहण आदि शामिल हैं.
शोषण कर छलने का लगाया आरोप
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधकों की मेहनत के ही कारण छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संग्रहण में पूरे देश मे नंबर एक है. लघु वनोपजों के संग्रहण में प्रदेश सरकार को 13 राष्ट्रीय अवार्ड भी मिले हैं. फिर भी सरकार और अधिकारी 36 सालों से प्रबंधकों का सिर्फ शोषण कर उन्हें छल रहे हैं. लहरे ने कहा कि 2016 में प्रबंधकों के लिए सेवा नियम भी लागू किया गया था, जिसमें साफ लिखा है कि एक साल की परिवीक्षा अवधि के बाद प्रबंधक नियमित माने जाएंगे, लेकिन उसे भी अब तक धरातल पर नहीं लाया गया है, जिसके चलते प्रदेश के समस्त प्रबंधकों ने 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.
52 लाख संग्राहकों पर पड़ेगा असर
प्रबंधकों के हड़ताल पर जाने से लघु वनोपज संग्रहण से जुडे 14 लाख परिवारों के बीमा प्रकरण, बोनस सहित आम जनता से जुड़ी अनेक योजनाएं प्रभावित होंगी, जिसका प्रभाव आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. संघ ने बताया कि प्रबंधकों के साथ प्रदेश के 52 लाख संग्राहक सीधे तौर पर जुड़े हैं. जिसका प्रभाव सभी चुनाव में मुख्य रूप से दिखता है.