
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शातिर तरीके से ठगी करने वाले एक गिरोह का राजफास हुआ है. इस गिरोह के ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों के साथ ठगी करते थे. पुलिस ने मामले का खुलासा होते ही तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. खबर के मुताबिक, बीते एक साल में तीनों ठगों ने आस-पास के राज्यों से करीब 150 लोगों को ठगी का शिकार बनाया. सभी आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए अपने ठिकानों को बदल-बदल कर ठगी किया करते थे. जब अंबिकापुर थाने में इस गिरोह के बारे में खबर मिली तो पुलिस अलर्ट हो गई. जिसके बाद पुलिस ने शातिर आरोपियों को धर-दबोचा. आरोपियों के पास से 2 बाइक, 3 मोबाइल, 1 कंप्यूटर और करीब 24 हज़ार रुपये ज़ब्त हुए हैं. जानिए पूरा मामला:
सरकारी अफसर बताकर लोगों से करते थे ठगी
दरअसल, अंबिकापुर पुलिस को खबर मिली थी कि तीन युवक खुद को केंद्र सरकार के अधिकारी बताकर भोले-भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. पुलिस ने तफ्तीश का दायरा बढ़ाते जब छानबीन की तो इस गिरोह का भंड़ाफोड़ हो गया. गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान रोहित तिवारी (25), कृष्णा कुमार पाण्डेय (35) और गौतम पाण्डेय (30) के तौर पर हुई है. सभी के पास से 2 बाइक, 3 मोबाइल, 1 कंप्यूटर और करीब 24 हज़ार रुपये बरामद हुए हैं. आरोप है कि इस सिंडिकेट के ठगों ने अभी तक 30 लाख से ज़्यादा की ठगी की है. जालसाजों ने अब तक धनबाद, रांची, गुमला, बोकारो, जशपुर, पत्थलगांव में घूम-घूम कर ऐसे करीब 150 लोगों से ठगी की है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने ठगी की वारदात को कबूल किया है. मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने आरोपियों को काबू करते हुए कोर्ट में पेश किया है.
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जालसाज ऐसे देते थे ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि किस तरह से सभी प्लानिंग के तहत ठगी किया करते थे. सभी आरोपी बड़े ही शातिर तरीके से आसपास के अंडर-कंस्ट्रक्शन वाली जगहों पर जाते थे. वहां पर जाकर खुद को आवास योजना के तहत पर्यवेक्षण अधिकारी बताकर लोगों को निर्माण कार्य में गड़बड़ी की बात कहकर डराते थे. इसके बाद आरोपी मामले को रफा-दफा करने के नाम पर उनसे 20-30 हजार रूपये की ठगी कर लेते थे. लोगों को शक न हो इसके लिए आरोपी मौके पर चल रहे कंस्ट्रक्शन और आस-पास की तस्वीरें भी क्लिक करते थे. आरोपियों के खिलाफ Indian Penal Code की धारा 420, 34, के तहत मामला दर्ज करते हुए जेल भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
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