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This Article is From Jan 08, 2024

भविष्य से खिलवाड़! बिना प्रशिक्षण ही प्रतियोगिता में उतरे खिलाड़ी, ट्रेनिंग का पैसा डकार गए जिम्मेदार

Corruption in Sports: बीते 18 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच आयोजित हुई 67वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से 51 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था. जिनमें गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से 13 छात्राएं शामिल हुई थीं. इन खिलाड़ियों को बिना ट्रेनिंग के प्रतियोगिता में उतारा गया.

भविष्य से खिलवाड़! बिना प्रशिक्षण ही प्रतियोगिता में उतरे खिलाड़ी, ट्रेनिंग का पैसा डकार गए जिम्मेदार
12 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच कोचिंग कैंप लगाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिलना था.

Corruption in Sports Branch of School Education Department: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के खेल शाखा में भ्रष्टाचार (Corruption) का मामला सामने आया है. हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुई राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता (National Gymnastic Sports Competition) में छत्तीसगढ़ से भाग लेने वाले खिलाड़ियों (Players of Chhattisgarh) को बगैर प्रशिक्षण (Without Training) के प्रतियोगिता में उतारा गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि राज्य का कोई भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. जिसके बाद जिम्मेदारों पर खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लग रहा है.

बता दें कि बीते 18 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच आयोजित हुई 67वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से 51 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. जिनमें गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले (Gaurela-Pendra-Marwahi) से 13 छात्राएं शामिल हुई थीं.

खा गए प्रशिक्षण का पैसा

बताया जा रहा कि 67वीं राष्ट्रीय जिमनास्टिक क्रीडा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए संचालनालय लोक शिक्षण रायपुर द्वारा एकमुश्त बजट जारी किया गया था. इसके साथ ही खिलाड़ियों को 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक कोचिंग कैंप लगाकर प्रशिक्षण देने का आदेश भी जारी किया गया था. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दल प्रबंधक सीमा डेविड को कोचिंग कैंप लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन, इन खिलाड़ियों को कोचिंग कैंप में प्रशिक्षण दिए बगैर ही प्रतियोगिता में शामिल किया गया.

बताया जा रहा कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण का पैसा हड़पने के लिए खिलाड़ी छात्र-छात्राओं से दिल्ली के खर्च के वाउचर के नाम पर प्रशिक्षण के बिल पर भी साइन करा लिया गया है. वहीं प्रशिक्षण नहीं मिलने के चलते एक खिलाड़ी का प्रतियोगिता के दौरान हाथ टूटा था, जिसके बाद उसका इलाज दिल्ली के सरकारी अस्पताल में चल रहा था.

ट्रेन की फर्श पर बैठकर आए थे खिलाड़ी

गौरतलब है कि बीते दिसंबर महीने में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता के बाद खिलाड़ियों के टिकट कन्फर्म नहीं होने के चलते उन्हें ट्रेन की फर्श पर बैठकर आना पड़ा था. यह मामला उस समय बेहद उछला था, जिसके बाद सरकार ने खिलाड़ियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था. हालांकि, इन खिलाड़ियों की दल प्रबंधक सीमा डेविड 20 दिसंबर को ही दिल्ली में खिलाड़ियों को छोड़कर वापस आ गई थीं.

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