Parrot at Home: अगर आप तोता पालने के शौकीन हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाएं... छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में तोता (Parrot) पालने वालों के लिए बुरी खबर है. वन विभाग (Forest Department) ने तोता पालने वालों को सख़्त निर्देश दिया है. किसी के घर में बंद पिंजरे में तोता पाए जाने पर उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है. आपके पास सिर्फ सात दिन का समय है. इन सात दिनों में आप अपने तोते को कानन पेंडारी में जमा कर सकते हैं. और अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो वन विभाग की टीम आपके ऊपर कार्रवाई कर सकती है.
पक्षियों को लेकर आया निर्देश
वन विभाग, बिलासपुर के द्वारा जारी निर्देश केवल तोते तक सीमित नहीं है. अगर आपके पास किसी और प्रकार का पक्षी भी है, तो उसे लेकर भी आपको वन विभाग से संपर्क करना पड़ेगा. ये सुनिश्चित करना होगा कि जो पक्षी आपने अपने पास रखा है, वह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अधिसूचना में शामिल है या नहीं. अगर शामिल है, तो उसे भी कानन पेंडारी में सौंपना होगा. नहीं तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
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क्या कहता है वन्य जीव संरक्षण अधिनियम
बिलासपुर के डीएफओ ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत तोता और अन्य अनुसूचित पक्षियों को कैद में रखना अपराध माना गया है और इसमें कारावास और जुर्माने का प्रावधान है. इसीलिए अगर आपके पास ऐसे कोई पक्षी हैं, तो उन्हें सात दिन के भीतर कानन पेंडारी, बिलासपुर में जमा कराना अनिवार्य है. अगर आपको कोई जानकारी चाहिए या कोई सवाल है, तो आप कानन पेंडारी के रेंजर से मोबाइल नंबर 8965826579 पर संपर्क कर सकते हैं.
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