
छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध होने के बावजूद कुछ कंपनियां इसका उल्लंघन कर रही हैं. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता सुनील नामदेव ने अपने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से यह याचिका प्रस्तुत की. उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि राज्य में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक के बावजूद कुछ कंपनियां इसका खुलेआम प्रचार कर रही हैं, खासकर आईपीएल से जुड़े विज्ञापनों के माध्यम से.
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने इस याचिका पर गंभीरता से विचार किया. इसके बाद राज्य सरकार से जवाब मांगा. न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें. इसके साथ ही, प्रतिबंधित सट्टेबाजी गतिविधियों में लिप्त कंपनियों को भी नोटिस जारी किया गया है.
याचिकाकर्ता के वकील ने दी ये दलील
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत, उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर और अधिवक्ता तुषार धर दीवान ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमृतो दास ने अदालत के सामने दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनमें यह दिखाया गया था कि सट्टेबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद कुछ कंपनियां विज्ञापन के माध्यम से इसका प्रचार कर रही हैं.
कोर्ट ने स्वीकार की याचिका
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया कि यह याचिका न्यायालय की रजिस्ट्री में दाखिल की जाए और संबंधित दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लिया जाए. राज्य के अधिवक्ता को भी याचिका की प्रति सौंपी गई, ताकि वे इस पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत कर सकें. इसके अलावा, याचिकाकर्ता को 24 घंटे के भीतर अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी गई है.
4 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि प्रतिवादी कंपनियां नियमानुसार प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करें और राज्य अधिवक्ता इस याचिका के लंबित होने की सूचना दें. मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा.